संजय गुप्ता, INDORE. संघ के द्वितीय सर संघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामले में उलझे राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। इस मामले में इंदौर के साथ ही उनके खिलाफ देवास, उज्जैन, गुना और राजगढ़ में भी एफआईआर हुई थी। इस मामले में सिंह ने एक ही कृत्य के लिए अलग-अलग जगह केस दर्ज करने और कार्रवाई करने पर आपत्ति ली थी। इस पर जबलपुर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए इंदौर से बाहर अन्य केस में कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है।
यह था मामला
सिंह द्वारा गुरु गोलवलकर के विचारों को लेकर अपने सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर से एक पोस्ट की गई थी, जिसके संबंध में उनके विरुद्ध अनेक पुलिस थानों में बीजेपी और आरएसएस से जुड़े लोगों ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153ए, 469, 505 सहित अन्य गैर जमानती धाराओं में पुलिस शिकायत की गई थी। पुलिस थाना तुकोगंज, इन्दौर में दर्ज पहली शिकायत को छोड़कर अन्य सभी शिकायतों को दिग्विजय सिंह की ओर से माननीय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर में चुनौती दी गई थी।
अधिवक्ताओं की ओर से रखे गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले
दिग्विजय सिंह के वकील विभोर खण्डेलवाल द्वारा न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की कोर्ट में पैरवी करते हुए तर्क किए कि एक ही कृत्य के लिए दो या अधिक एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, लेकिन फिर भी शासन द्वारा उनके पक्षकार के विरुद्ध दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई की गई है। इस दौरान शासन की ओर अतिरिक्त महाधिवक्ता एशएछ रूपराह द्वारा आपत्ति ली गई और कहा गया कि एक से ज्यादा कार्रवाई हो सकती है, लेकिन खंडेलवाल द्वारा रखे गए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को देखने के बाद हाईकोर्ट ने इंदौर के थाने में दज एफआईआर को छोड़कर अन्य थानों में दर्ज केस में किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वही शासन को मामले में जवाब पेश करने के लिए समय दिया गया।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को राहत, गोलवलकर के खिलाफ टिप्पणी मामले इंदौर से बाहर दर्ज FIR में कार्रवाई पर रोक
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संजय गुप्ता, INDORE. संघ के द्वितीय सर संघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामले में उलझे राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। इस मामले में इंदौर के साथ ही उनके खिलाफ देवास, उज्जैन, गुना और राजगढ़ में भी एफआईआर हुई थी। इस मामले में सिंह ने एक ही कृत्य के लिए अलग-अलग जगह केस दर्ज करने और कार्रवाई करने पर आपत्ति ली थी। इस पर जबलपुर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए इंदौर से बाहर अन्य केस में कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है।
यह था मामला
सिंह द्वारा गुरु गोलवलकर के विचारों को लेकर अपने सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर से एक पोस्ट की गई थी, जिसके संबंध में उनके विरुद्ध अनेक पुलिस थानों में बीजेपी और आरएसएस से जुड़े लोगों ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153ए, 469, 505 सहित अन्य गैर जमानती धाराओं में पुलिस शिकायत की गई थी। पुलिस थाना तुकोगंज, इन्दौर में दर्ज पहली शिकायत को छोड़कर अन्य सभी शिकायतों को दिग्विजय सिंह की ओर से माननीय मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर में चुनौती दी गई थी।
अधिवक्ताओं की ओर से रखे गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले
दिग्विजय सिंह के वकील विभोर खण्डेलवाल द्वारा न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की कोर्ट में पैरवी करते हुए तर्क किए कि एक ही कृत्य के लिए दो या अधिक एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, लेकिन फिर भी शासन द्वारा उनके पक्षकार के विरुद्ध दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई की गई है। इस दौरान शासन की ओर अतिरिक्त महाधिवक्ता एशएछ रूपराह द्वारा आपत्ति ली गई और कहा गया कि एक से ज्यादा कार्रवाई हो सकती है, लेकिन खंडेलवाल द्वारा रखे गए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को देखने के बाद हाईकोर्ट ने इंदौर के थाने में दज एफआईआर को छोड़कर अन्य थानों में दर्ज केस में किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वही शासन को मामले में जवाब पेश करने के लिए समय दिया गया।