भोपाल के बैरसिया और मंडीदीप में मिले हजारों साल पुरानी सभ्यता के अवशेष, खेत की जुताई के दौरान सतह पर आए, म्यूजियम में रखा गया

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Chandresh Sharma
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भोपाल के बैरसिया और मंडीदीप में मिले हजारों साल पुरानी सभ्यता के अवशेष, खेत की जुताई के दौरान सतह पर आए, म्यूजियम में रखा गया

Bhopal. भोपाल के आसपास सांची, भीमबेटका और विदिशा की पुरा संस्कृतियां विद्यमान थीं। ये सभी नगर काफी वैभवशाली भी थे। अब इन सभ्यताओं के समकालीन सभ्यता के अवशेष भोपाल के बैरसिया और रायसेन के मंडीदीप से मिले हैं। खेत की जुताई के दौरान ये अवशेष जमीन से ऊपर आने लगे थे। अवशेषों में मिट्टी के पात्र, रोजाना उपयोग में आने वाली चीजें और आभूषण भी शामिल हैं। पुरातत्व विभाग के पूर्व सह संचालक बीके लोखंडे को जब इस बात की जानकारी लगी तो वे यहां पहुंचे और समस्त साक्ष्यों को जुटाकर उन्हें बिड़ला म्यूजियम में रखवाया है। 



बीके लोखंडे ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि गांगाखेड़ी में जमीन की सतह पर ही पुरावशेष मिल रहे हैं। इसके बाद वे मौके पर पहंचे और 50 से ज्यादा अवशेष जमा किए। जिन्हें बिड़ला म्यूजियम में रखवाया। लोखंडे के मुताबिक प्राप्त हुए अवशेष करीब 4 हजार साल पुराने हैं। भोपाल के आसपास विदिशा और रायसेन में कायथा सभ्यता हुआ करती थी, माना जा रहा है कि यह अवशेष भी उसी सभ्यता के हैं जिसकी कुछ बस्तियां भोपाल के बैरसिया और मंडीदीप में भी होंगी। 



ये अवशेष प्राप्त हुए




गांगाखेड़ी गांव और मंडीदीप से मिले अवशेषों में कटोरी, प्लेट और पात्र में ढंकने के बर्तन प्राप्त हुए। आभूषणों की बात की जाए तो हाथ के कड़े, झुमके और चूड़ियां भी मिली हैं। पुरातत्व के जानकार इन अवशेषों को कायथा संस्कृति से मिलता-जुलता बता रहे हैं। उनका मानना है कि मालवा क्षेत्र में जितनी तांम्रकालीन सभ्यताएं मिलीं हैं, उनसे यह अवशेष मिलते-जुलते हैं। 



वैभवशाली रही होगी सभ्यता




लोखंडे ने बताया कि अंदाजा लगाया जा सकता है कि 4 हजार साल पहले मानव भीमबैठका के रास्ते से चला तो उसे पिपरिया लोरका मिला होगा। यह रास्ता बैरसिया में भी जुड़ता होगा। ऐसे में संभव है कि यहां काफी समृद्ध नगर या बस्तियां होंगी जो समय के साथ विभिन्न कारणों से नष्ट हो गईं। 



उज्जैन जिले में मिले थे कायथा सभ्यता के अवशेष




1964 में विष्णु श्रीधर वाकणकर ने कायथा पुरास्थल की खोज की थी। कायथा उज्जैन का एक गांव और पुरातत्व स्थल है। कालीसिंध नदी के दाहिने तट पर काली मिट्टी के मैदान पर स्थित कायथा में ताम्रपाषाण युग से लेकर गुहाकाल तक के अवशेष प्राप्त हुए थे। 

 


बिरला म्यूजियम बैरसिया और मंडीदीप में मिले पुरानी सभ्यता के अवशेष कायथा सभ्यता Birla Museum found in Berasia and Mandideep remains of old civilization Kayatha civilization
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