INDORE. इंदौर में गुरूसिंघ सभा के चुनाव को लेकर सहजधारी सिक्खों में आक्रोश है। सूत्रों ने बताया कि गुरूसिंघ सभा के चुनाव से सहजधारी सिक्खों का नाम मतदाता सूची से हटवाने में मोनू भाटिया की अहम भूमिका है। गुरूसिंघ सभा के चुनाव को लेकर चुनाव अधिकारी राजिंदर बाबा को एक पत्र भी मिला है। अकाल तख्त से आए पत्र में लिखा है कि सहजधारी सिक्खों को मतदाता नहीं बनाया जाए। जबकि संस्था के विधान के तहत सहजधारी सिख भी मेंबर हो सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में मोनू भाटिया ने षडयंत्र करके सहजधारी सिक्खों को मतदान से बाहर कराया है। इस पूरे मामले की शिकायत भी की गई है साथ ही निर्वाचन आयोग और कोऑपरेटिव सोसायटी ने भी इस पर आपत्ति जताई है।
चुनाव को लेकर ये शेड्यूल जारी किया गया
- फार्म भरने की तारीख- 3 व 4 फरवरी
- समय- सुबह 11 से दोपहर चार बजे तक
- नाम वापसी की तारीख- 5 व 6 फरवरी
- उम्मदीवारों की सूची जारी- 6 फरवरी शाम सात बजे
नोट- उम्मीदवार अपने साथ आधार कार्ड की कॉपी और दो-दो फोटो लाएं, शुल्क अध्यक्ष व सचिव के लिए 5100 रुपए और सदस्य के लिए 2100 रुपए रहेगा।
फर्म्स एंड सोसायटी ने इन मुद्दों पर थमाया नोटिस
सोसायटी को 31 जनवरी को मिली शिकायत पर असिस्टेंट रजिस्ट्रार बीडी कुबेर ने यह नोटिस जारी किया है। इसमें है कि संस्था के निर्वाचन को लेकर शिकायत मिली है कि संस्था के चुनाव में सहजधारी सिख को सदस्य नहीं बनाया गया है, जबकि संस्था के विधान के तहत सहजधारी सिख भी मेंबर हो सकता है। साथ ही यह सदस्य कार्यकारिणी का भी मेंबर हो सकता है। जिसका प्रावधान नियम 20 में किया है। संस्था के निर्वाचन के संबंध में निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति किस प्रकास व किस बैठक में की गई है व चुनाव कार्यक्रम क्या निर्धारित किया गया है, यह भी जानकारी तत्काल इस कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करें। निर्वाचन संबंधी सभी कार्रवाई संस्था के पंजीकृत विधान के अनुसार कराई जाए।