छतरपुर में जूते पहनकर बाइक की सवारी की तो दबंगों ने तोड़ दिए हाथ-पैर, पत्नी और बच्चे को भी मारा, पंचायत चुनाव हारने का ले रहे बदला

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Chandresh Sharma
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छतरपुर में जूते पहनकर बाइक की सवारी की तो दबंगों ने तोड़ दिए हाथ-पैर, पत्नी और बच्चे को भी मारा, पंचायत चुनाव हारने का ले रहे बदला

Chhatarpur. छतरपुर के महाराजपुर में आज भी दलितों को अगड़ों की सामंतशाही झेलना पड़ती है। नियम यह है कि कोई भी दलित इन दबंगों के घर के सामने से जूत पहनकर नहीं निकल सकता, उसे अपने जूते-चप्पल सिर पर रखने पड़ते हैं। इतना ही नहीं दलित व्यक्ति बाइक पर बैठकर भी उनके घर के सामने से नहीं गुजर सकता, उसे बाइक धक्का देते हुए निकालनी पड़ती है। यह खुलासा तब हुआ जब महाराजपुर के एक दबंग ने एक दलित को शादी में जाते वक्त बाइक पर सवार होकर जाते देखा तो उसके हाथ-पैर तोड़ डाले। मामला पंचायत चुनाव से भी जुड़ा हुआ है, दरअसल चुनाव में सामान्य सीट घोषित होने के बावजूद दलित जाति का व्यक्ति दबंग परिवार के व्यक्ति को हराकर सरपंच निर्वाचित हुआ था, तभी से दलितों पर सख्ती बरती जाने लगी है। 



नियम सदियों पुराना, पर अब भी लागू




बताया जाता है कि बुंदेलखंड के गांवों में यह फरमान सदियों पुराना है, समय के साथ लोग इस कुरीति को छोड़ रहे हैं, लेकिन कई लोग आज भी इस नियम का हवाला देकर दलितों पर अत्याचार करने से बाज नहीं आ रहे। पीड़ित लखन प्रजापति की पत्नी एसपी ऑफिस पहुंची और मामले की शिकायत दी है। उसने बताया कि वह पति और बेटे के साथ शादी में जा रही थी, दबंग संजय सिंह के घर के सामने से जूते पहनकर बाइक निकाली तो उसने लट्ठ के दम पर रोक लिया। कुछ सफाई देते इससे पहले लाठियां बरसानी शुरु कर दी। वहीं संजय सिंह ने लखन की पत्नी अनीता को भी पीटा, 1 साल के बच्चे को भी उठाकर फेंक दिया। बच्चा भी घायल हुआ है। महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। 




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  • पता नहीं गांव में कैसे रहा जाता है?



    यह घटना 22 जून की है, लखन प्रजापति जब बाइक से शादी के लिए जा रहा था तो संजय सिंह ने उसे लट्ठ दिखाकर रोका और कहा कि तुझे गांव का कानून नहीं पता, यह भी नहीं पता कि गांव में कैसे रहा जाता है। लखन ने गालियां देने से मना किया तो संजय सिंह ने इतनी लाठियां बरसाईं कि उसके हाथ-पैर टूट गए। लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई तो संजय धमकियां देता हुआ वहां से चला गया। 



    पंचायत चुनाव की है बौखलाहट



    इस मामले में अस्पताल में भर्ती लखन प्रजापति ने बताया कि इस बार गांव में पंचायत चुनाव में सामान्य सीट थी। चुनाव में संजय सिंह का बड़ा भाई बलवंत मैदान में था, लेकिन उसे दलित समाज के छोटेलाल प्रजापति ने हरा दिया। जिसके बाद उस परिवार की प्रताड़ना बहुत बढ़ चुकी है। हाल के ही दिनों में वह 4 से 5 दलितों को पीट चुका है। अपने घर के सामने से दलितों को सिर पर जूता रखकर निकलने मजबूर करता है। 


    Dalit's hands and legs are broken bike riding is prohibited atrocities by bullies angle of electoral rivalry दलित के हाथ- पैर तोड़े बाइक सवारी की है मनाही दबंगों का अत्याचार चुनावी रंजिश का एंगल