Bhopal. मध्यप्रदेश में मानसून का प्रभावी सिस्टम सक्रिय है, जिसके चलते पूरे प्रदेश में कहीं मूसलाधार तो कहीं रुक-रुक कर बारिश हो रही है। 12 जुलाई बुधवार को प्रदेश के 4 जिलों सीहोर, रायसेन, राजगढ़ और शाजापुर में अति भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं भोपाल और जबलपुर के साथ-साथ 16 जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। जिन चार जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट है वहां आगामी 24 घंटों में 8 इंच तक बारिश होने की संभावना मौसम विज्ञानियों ने व्यक्त की है।
इस कारण हो रही बारिश
प्रदेश के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एचएस पांडे का कहना हैथ् क प्रदेश में 12 जुलाई को भी बारिश की सक्रियता दिखाई देगी। उत्तर-पूर्वी राजस्थान के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र निर्मित हो रखा है जो उत्तरी मध्यप्रदेश से गुजरते हुए पूर्व की ओर बढ़ रहा है। दूसरी तरफ टर्फ लाइन भी सक्रिय है, जिसके चलते तेज बारिश देखने को मिल रही है।
नदिया उफान पर हैं, जरा ध्यान में रहे
लगातार बारिश के चलते प्रदेश की जीवनदायिनी नदियां उफान पर हैं। रायसेन के बेगमगंज में बीना नदी उफान पर आ गई। इलाके के कोकलपुर गांव में करीब डेढ़ सौ एकड़ खेत पानी में डूब चुके हैं। उधर बड़वानी में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान तक जा पहुंचा है। श्योपुर की बात की जाए तो यहां पार्वती नदी का जलस्तर भी तेजी से ऊपर आया है।
बीते 24 घंटों की रिपोर्ट
मंगलवार 11 जुलाई को प्रदेश के 11 जिलों में जमकर बारिश हुई। उज्जैन में सबसे ज्यादा 2.67 इंच बारिश हुई तो उमरिया में 2.11, ग्वालियर में 1.61 और रायसेन में 1 इंच से ज्यादा पानी गिरा। मौसम विभाग ने विभिन्न जिलों में हुई बारिश के आंकड़े जारी किए हैं।
33 जिले तरबतर
मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 1 जून से लेकर अब तक 12 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। पश्चिमी मध्यप्रदेश में 8 फीसदी तो पूर्वी मध्यप्रदेश में 16 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के 33 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो ना रिकार्ड किया गया है। सबसे ज्यादा बारिश की बात हो तो श्योपुरकलां, नीमच, भिंड और नरसिंहपुर में ज्यादा बारिश दर्ज की गई वहीं खरगोन और खंडवा में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है।