संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस में नए प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उप नेता हेमंत कटारे को बनाए जाने के फैसले पर पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि यह बदलाव ग्रेट चेंज है। मैं सालों से इसकी पैरवी कर रहा था, लेकिन यह हाईकमान की कमजोरी थी जो फैसले लेने में देरी की, यह फैसले पहले होते तो कई परिणाम बदल सकते थे। वर्मा ने यह भी कहा कि 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही है इसमें शंकराचार्य को भी बुलाना चाहिए यह बहुत बड़ा आयोजन है।
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की यह होगी भूमिका
अब कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की क्या भूमिका होगी? इस सवाल पर वर्मा ने कहा कि दोनों अनुभवी नेता है, दोनों के लिए मार्गदर्शक मंडल है और दिल्ली में भी कई पद है, जहां इनकी पदस्थापना हो सकती है। हमारे यहां बीजेपी जैसा नहीं होता है कि काम हो गया तो आडवाणी जैसे नेताओं को मक्खी की तरह निकाल दिया। यह दोनों नेता मप्र के साथ ही देश की कांग्रेस को अपने अनुभव का लाभ दे सकते हैं। नौजवान टीम को इन्हें शुद्ध मन से अपने अनुभव का लाभ और आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सभी तरह से सहयोग करना चाहिए। आज इस बदलाव से कांग्रेस में हर कार्यकर्ता खुश है।
ईवीएम से चुनाव हो तो लोकसभा लड़ना ही नहीं चाहिए
वहीं कांग्रेस की हार पर उन्होंने कहा कि क्या आपको लगता है कि जीतू 35 हजार वोट से हार सकता है, मैं हार सकता हूं। हम लोगों के गाड़ी के पहिए 24 घंटे घूमते हैं। हमारा क्या कसूर था? विधानसभा की 230 सीट में 199 पर पोस्टल बैलेट में कांग्रेस जीत रही है जो वोटिंग ट्रेंड बताता है और रिजल्ट में हम हार रहे हैं। जब तक ईवीएम से चुनाव होंगे हम नहीं जीत सकते। मैं तो कहता हूं सभी विपक्ष को एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ना ही नहीं चाहिए, क्योंकि नरेंद्र मोदी एंड कंपनी ने बोल दिया है इस बार लोकसभा में 400 सीट तो वह मशीन से ले आएंगे, तो 400 नहीं पूरी उन्हें सीट दे दो, चुनाव ही मत लड़ो। वह इस बार अधिक से अधिक सीट लाकर पूरा संविधान बदलना चाहते हैं।
इस बार बीजेपी ने भी सही बदलाव किए
वर्मा ने कहा कि बीजेपी ने तीसरी पंक्ति को आगे ला दिया, सभी राज्यों में उन्होंने ऐसा किया, राजनीतिक दलों को यह करना चाहिए। यही फैसला लेने की क्षमता आगे ले जाती है। चाहे बीजेपी में कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह जैसे नेताओं की बात हो या हमारे यहां कमलनाथ, दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं की, सभी को अपने अनुभव का लाभ नौजवान टीम को देना चाहिए।