BHOPAL. सांची यूनिवर्सिटी की विवादास्पद कुलपति नीरजा गुप्ता ने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे का कारण उनका चयन गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर होना है, इस वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। लेकिन, कई दिनों से वे भ्रष्टाचार और अन्य मामलों को लेकर चर्चा में थी। छात्रों ने उनको हटाने की मांग भी की थी।
2021 में सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की कुलपति बनीं
नीरजा गुप्ता ने साल 2021 में सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की कुलपति का पदभार ग्रहण किया था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा उन्हें सांची विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था। इस विश्वविद्यालय में नियुक्त से पहले नीरजा गुप्ता गुजरात अहमदाबाद के खानपुर स्थित भारतीय विद्या भवन के आरए कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स में प्रोफेसर व प्राचार्य के पद पर सेवाएं दे रही थीं।
भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे
सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्व विद्यालय में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को लेकर विवि के छात्रों और अन्य लोगों ने बीते शनिवार दोपहर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में उन्होंने वीसी नीरजा गुप्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन के माध्यम से उन्हें पद से हटाने की मांग भी की गई थी। शुभम वर्मा सहित दो दर्जन छात्र इस दौरान मौजूद रहे। ज्ञापन में कहा गया था कि सांची विश्वविद्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर छात्र दुखी हैं। यहां की कुलपति भ्रष्टाचार में शामिल हैं। इससे पहले भी उनके खिलाफ कई शिकायतें हुई हैं।
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कौन हैं कुलपति नीरजा गुप्ता
नीरजा गुप्ता साल 2006 से 2012 तक अहमदाबाद के गुजरात विवि के विदेश शिक्षा कार्यक्रम की सलाहकार रह चुकी हैं। उन्होंने 1992 में मेरठ विवि से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की थी। वे हिंदी, संस्कृत, गुजराती, मराठी, असमिया के अतिरिक्त उर्दू में भी ज्ञान रखती हैं। साथ ही प्राकृत जैसी प्राचीन भारतीय भाषा में भी उन्हें महारथ हासिल है। अंग्रेज़ी के साथ-साथ डॉ गुप्ता रूसी भाषा पर भी विद्वता रखती हैं और वे अकादमिक कार्यक्रमों हेतु 42 देशों की यात्राएं कर चुकी है। डॉ गुप्ता 16 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से भी जुड़ी हुई हैं।