इंदौर में सिख दंगों की मिली राहत राशि 14.50 लाख के घोटाले का मामला; EOW ने माखीजा पिता-पुत्र पर दर्ज किया चार सौ बीसी का केस

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर में सिख दंगों की मिली राहत राशि 14.50 लाख के घोटाले का मामला; EOW ने माखीजा पिता-पुत्र पर दर्ज किया चार सौ बीसी का केस

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में सिख दंगों के दौरान गुरु तेगबहादुर चेरिटेबल हॉस्पिटल ट्रस्ट इंदौर को 14.50 लाख रुपए की राशि मिली थी, जिसमें गबन हो गया है। इस गबन के आरोप में ईओडब्ल्यू इंदौर ने इंडो फ्रैंड्स फाउंडेशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. रघुवीर सिंह माखीजा और उनके पत्रु व इसी ट्रस्ट के सीईओ सतविंदर सिंह माखीजा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409, 467, 468, 471 और 120बी में केस दर्ज कर लिया है। साल 2022 में इस मामले में ईओडब्ल्यू को शिकायत हुई थी जिसमें जांच के बाद डीएसपी अजय जैन द्वारा यह केस दर्ज किया गया है। साथ ही इसमें रविंदर कौर कलसी और मनजीत सिंह गांधी सहित अन्य की भी भूमिका जांच की जा रही है। 



यह है गुरुद्वारा गुरुतेग बहादुर ट्रस्ट



गुरुद्वारा गुरूतेग बहादुर साहिबजी ट्रस्ट नंदानगर का पंजीयन सात नवंबर 1968 को हुआ था। ट्रस्ट की स्थापना के बाद सात में से छह ट्रस्टी की मौत हो गई और सरकार कृपाल सिंह भाटिया ही मूल ट्रस्टी बचे रहे। बाद में नए ट्रस्टी बने इसमें कृपाल सिंह भाटिया, अमरीक सिहं सैनी, गुरमीत सिंह व जोगिंदर सिहं थे। इस ट्रस्ट के तहत श्री गुरूतेग चेरिटेबल हॉस्पिटल व पब्लिक स्कूल नंदानगर भी संचालित होता है। हॉस्पिटल संचालन के लिए एक डॉक्टर की जरूरत थी, इसलिए इसमें डॉ. रघुवीर सिंह माखीजा और डॉ. जोगिंदर सिंह माखीजा को भी लिया गया। गुरुद्वारा ट्रस्ट को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों के दौरान गुरुद्वारे का स्कूल, गुरुद्वारा व अन्य संपत्ति नष्ट होने पर 14.50 लाख की राहत राशि मिली थी।



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माखीजा ने इस तरह दिया धोखा



रघुवीर सिंह माखीजा ने 14.50 रुपए की संपत्ति को यह कहकर ट्रस्ट से ले लिया कि ट्रस्ट का विस्तार जरूरी है और इस राशि से जमीन लेकर विस्तार करेंगे। इसमें चार लाख राशि सीधे अपने खाते में चेक से ली और बाकी राशि अन्यों के नाम पर ले ली। संगत ने तय किया कि इस राशि से ली गई जमीन का मालिकान हक गुरुद्वारा ट्रस्ट का ही रहेगा और हॉस्पिटल ट्रस्ट भी मूल ट्रस्ट की ही सहयोगी संस्था रहेगी। लेकिन माखीजा ने जमीन खुद व परिजन के नाम लेकर इसका उपोयग शुरू कर दिया। रिश्तेदारों को भी ट्रस्ट में सदस्य बना लिया और इसके लिए मूल ट्रस्टी कृपाल सिंह भाटिया के फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए। पुत्र सतविंदर सिंह के साथ ङी मनजीत सिंह गांधी, रविंद्र गौर कलसी को ट्रस्टी बनाया गया था। माखीजा पिता-पुत्र के साथ ही गांधी और कलसी की भी भूमिका जांच में हैं।


माखीजा पिता-पुत्र पर केस दर्ज किया सिख दंगे में मिली राहत राशि का घोटाला MP News case filed against Makhija father-son इंदौर scam of relief amount in Sikh riots EOW एमपी न्यूज Indore