इंदौर विधानसभा एक से टिकट के पहले हुई थी महाजन और विजयवर्गीय की गुप्त बैठक, मिलिंद का नाम विधानसभा तीन से आगे

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
इंदौर विधानसभा एक से टिकट के पहले हुई थी महाजन और विजयवर्गीय की गुप्त बैठक, मिलिंद का नाम विधानसभा तीन से आगे

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विधानसभा एक से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय यानि भाई के टिकट मिलने से कुछ दिन पहले पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन यानि ताई के साथ उनकी मुलाकात हुई थी। यह मुलाकात ताई के घर पर ही हुई थी। मुख्य मुद्दा चुनाव के पहले सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के साथ एक-दूसरे को सहयोग करने का था। बताया जा रहा है कि बैठक दिल्ली हाईकमान के आदेश से हुई थी और इसी समय विजयवर्गीय को भी विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने का इशारा कर दिया गया था। इसी मुद्दे में मिलिंद महाजन के टिकट की दावेदारी को लेकर भी बात हुई। इसके बाद महाजन ने भी दिल्ली जाकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं को जाकर चुनाव लड़ने की मंशा बता दी है। मिलिंद का दावा इसलिए मजबूत है क्योंकि विधानसभा तीन में आकाश विजयवर्गीय के टिकट कटने की पूरी संभावना के चलते इसी विधानसभा से बनते हुए दिख रहा है।

मिलिंद महाजन बोले जैसी पार्टी का आदेश, मैं मंशा तो बता चुका हूं

मिलिंद महाजन ने द सूत्र से चर्चा में साफगोई से कहा कि मैं सालों से पूरी इंदौर लोकसभा को देख रहा हूं और काम कर रहा हूं। कुछ सालों से महाराष्ट्र समाज, समिति के जरिए हो रहे आयोजनों को भी देख रहा हूं और काम कर रहा हूं। मेरी मंशा तो चुनाव मैदान में उतरने की है और इस संबंध में अपनी मंशा तो सभी स्तर पर बता दिया है, बाकी तय तो पार्टी ही करेगी, वह जहां से भी टिकट देगी चुनाव के लिए तैयार हूं। विजयवर्गीयजी घर आए थे, वह आई के साथ एक सौहार्दपूर्ण मुलाकात मात्र थी।

मिलिंद और गौरव रणदिवे दोनों के बीच टिकट की दावेदारी

मराठी समाज द्वारा लगातार विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग हो रही है। मराठी समाज से ताई को ही 1985 में विधानसभा चुनाव का टिकट मिला था फिर वह लोकसभा में गई और लगातार आठ बार सांसद का चुनाव जीता। विधानसभा चुनाव में इंदौर से 38 साल से टिकट नहीं मिला है। ताई भी अब सांसद नहीं है, ऐसे में मिलिंद का नाम उठा है। वहीं एक अन्य दावेदार बीजेपी नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे है। विधानसभा पांच के लिए इनका नाम लगातार चल रहा है। ऐसे में यदि मराठी समाज से टिकट की बात आती है तो दोनों में से एक का ही नाम आगे बढ़ेगा, दूसरे को इंतजार करना पड़ सकता है।

ताई और भाई के संबंध कभी नहीं रहे मधुर

ताई और भाई के संबंध इंदौर की राजनीति में हमेशा दो ध्रुवीय रही है। दोनों का राजनीति करने का तरीका अलग-अलग रहा। हालात उस समय दोनों के बीच तनावपूर्ण हो गए थे, जब साल 2009 में ताई ने भूमाफिया का मुद्दा उठाया, इस लोकसभा चुनाव में ताई को विधानसभा दो से मात्र 250 वोट की लीड मिली और बमुश्किल 11 हजार वोट से ताई जीत सकी। इंदौर की राजनीति में 1990 से महाजन के सांसद रहने तक 2014 तक यह दो गुट चलते रहे। कई बार इंदौर से मंत्री के लिए रमेश मेंदोला का नाम चला लेकिन ताई गुट से दूसरा नाम आगे आया। इसी तरह कई मुद्दों पर खींचातनी चलती रही। सीएम शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकता भी ताई गुट रही। अब विधानसभा चुनाव के पहले दोनों की मुलाकात से इंदौर की राजनीति टिकटों को लेकर समीकरण प्रभावित हो सकते हैं।


MP News एमपी न्यूज Kailash Vijayvargiya कैलाश विजयवर्गीय Indore Assembly 1 इंदौर विधानसभा एक former speaker Sumitra Mahajan पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन