रामलला के दर्शन करने के लिए मुंबई की शबनम शेख की अयोध्या पदयात्रा, सीहोर पहुंचने पर स्वागत, कहा- बचपन से रामजी की भक्त

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Vikram Jain
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रामलला के दर्शन करने के लिए मुंबई की शबनम शेख की अयोध्या पदयात्रा, सीहोर पहुंचने पर स्वागत, कहा- बचपन से रामजी की भक्त

नफीस खान, SEHORE. अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की खुशी... कंधे पर केसरिया ध्वज, पीठ पर राम मंदिर की तस्वीर और मुख पर जय राम नाम... राम भक्ति में लीन होकर मुंबई से अयोध्या के लिए पदयात्रा करने वाली मुंबई की शबनम शेख की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। 21 साल शबनम शेख के हौसलों और धार्मिक आस्था को देखकर लोग हैरान है। पैदल यात्रा करते हुए शबनम शेख शनिवार को सीहोर पहुंची। जहां लोगों ने उनका स्वागत किया। आइए जानते हैं एक मुस्लिम की अयोध्या यात्रा की पूरी कहानी...

रामलला के दर्शन करना ही लक्ष्य

मुंबई से अयोध्या तक पैदल जा रही 21 वर्षीय शबनम शेख मुस्लिम लड़की हैं। उनके और साथियों के हाथों में भगवा ध्वज है। जिस पर जय श्री राम लिखा हुआ है। रास्ते में वंदे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाते हुए एक दिन में उनका सफर 37 किलोमीटर का कब पूरा हो जाता है उन्हें ही नहीं पता चलता। शबनम शेख अपने दो साथी विनीत पांडे और रामराज शर्मा के साथ कदम से कदम मिलाते हुए मुंबई से अयोध्या जा रही हैं। शबनम का एक ही उद्देश्य है रामलला के दर्शन...

सीहोर में जगह- जगह स्वागत

शनिवार को अपने साथियों के साथ सीहोर शबनम पहुंची, जहां लोगों ने तीनों रामभक्त श्रद्धालुओं का जगह- जगह स्वागत किया। हिजाब पहने हुए शबनम शेख ने कहा कि वह शुरू से ही हिंदू बाहुल्य क्षेत्र में रही है और उन्हें अपने धर्म के साथ-साथ दूसरे धर्म का सम्मान करना भी बहुत अच्छे से आता है। सोशल मीडिया पर लोग मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उससे उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

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'महिलाओं को टॉर्चर करने वालों को हो जेल'

महिला के मुद्दे पर शबनम ने कहा कि महिलाओं को टॉर्चर करने वालों को जेल में डाल देना चाहिए। ऐसे लोगों पर हनुमान जी का गदा सिर पर मारना चाहिए। शबनम आगे कहती है कि उन्हें पैदल चलते हुए 17 दिन हो गए हैं। श्रद्धा के लिए मन में विचार आना जरूरी नहीं है, बचपन से राम जी को मानते हैं जितना हम नबी को रिस्पेक्ट करते हैं, उतना ही राम जी की रिस्पेक्ट करते हैं। कड़ाके की ठंड में हम यात्रा कर रहे हैं। बहुत जोश है।

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खुद को कहती हैं 'सनातनी मुस्लिम'

आपको बता दें कि शबनम खुद को सनातनी मुस्लिम बताती हैं। वह कौमी एकता की मिसाल बन चुकी हैं। शबनम फिलहाल अपने साथियों के साथ अयोध्या के लिए सफर तय कर रही हैं। उनका मानना है कि भगवान राम की पूजा करने के लिए किसी को हिंदू होने की जरूरत नहीं है। इसके लिए इंसान होना ही काफी है। भगवान राम सबके हैं। बता दे कि भगवान राम के दर्शन के लिए अपने साथियों के साथ पदयात्रा कर रहीं शबनम जिस भी शहर नगर पहुंच रही हैं जहां उनका स्वागत हो रहा है। सभी उनकी भक्ति और हौंसले को हैरान है। सभी इन रामभक्तों के साथ जयकारा भी लगा रहे हैं।

सीरियल का जीवन पर गहरा असर

शबनम शेख बताती हैं कि वो बचपन से ही रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक धारावाहिक को देखते हुई बड़ी हुई हैं, वे राम को आदर्श मानती हैं। बचपन में मेरे पापा हम चारों भाई-बहनों को रामायण और महाभारत से जुड़े तथ्यों को बताने के लिए क्विज खिलाया करते थे, पहला ऐसा मौका है जब मैं अयोध्या पैदल यात्रा करते हुए जा रही हूं, लेकिन इससे पहले भी मैं अयोध्या और मथुरा जा चुकी हूं।

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