BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार ने कोविड-19 का उल्लंघन करने वाले केसों को वापस लेने का निर्णय लिया है। ये जानकारी गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी। इस अहम फैसले से ऐसे कई लोगों को राहत मिलेगी जिनके ऊपर उस समय साधारण धाराओं के तरह मामले दर्ज किए गए थे। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान मास्क न पहनने या सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने जैसे कारणों के लिए नागरिकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि यह लोग संभावित रूप से वायरल संक्रमण फैला सकते थे। मिश्रा ने कहा- मुख्यमंत्री के निर्देश पर, सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ मामले वापस लेने का फैसला किया है जिन पर सामान्य धाराओं (गैर-गंभीर अपराधों के लिए लागू) में केस दर्ज है।
मध्य प्रदेश सरकार कोविड लॉकडाउन के समय लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर पाने पर लगे साधारण धाराओं के सभी केस न्यायालयों से वापस लेगी। pic.twitter.com/zHMG89tfac
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) June 8, 2023
गृहमंत्री ने दी जानकारी
कोरोना महामारी के समय कोविड लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सामान्य धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए थे। इसके अंतर्गत साधारण धाराओं के तहत लगाए गए सभी केस वापस लिए जाएंगे। ये जानकारी गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी है। उन्होंने बताया कि कोविड लॉकडाउन के समय लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर पाने पर लगे साधारण धाराओं के सभी केस न्यायालयों से वापस लेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐसे सभी केस वापस लेने के निर्देश दे दिए हैं। इसके बाद उन लोगों को काफी राहत मिलेगी। जिन पर कोरोनाकाल में नियम उल्लंघन के मामले दर्ज है।
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ट्वीट कर दी जानकारी
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मध्य प्रदेश सरकार कोविड लॉकडाउन के समय लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं कर पाने पर लगे साधारण धाराओं के सभी केस न्यायालयों से वापस लेगी। वहीं, दमोह की गंगा जमुना स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ धारा 295 A और 506 B धारा में केस दर्ज किया गया है। आगे जैसे-जैसे जांच में और बिंदु आएंगे वैसे सख्त कार्रवाई की जाएगी।
10 लाख लोग हुए थे संक्रमित
कोविड-19 नियमों के उल्लंघन के लिए दर्ज मामलों की सही संख्या फिलहाल तो स्पष्ट नहीं है। बता दें कि राज्य में मार्च 2020 में देशव्यापी और बाद में कई चरणों में कोविड-19 महामारी के संक्रमण और प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। राज्य में 4 जून तक 10,56,341 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले और 10,786 लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, मध्य प्रदेश में 5 सक्रिय मामले हैं।
पहले लॉकडाउन में 32,463 और दूसरे में 22,336 केस हुए थे दर्ज
कोरोना में लॉकडाउन का पालन नहीं करने के कारण आम जनों पर धारा 188, 269, 270, 271 भारतीय दण्ड विधान, महामारी अधिनियम 1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में दर्ज सभी आपराधिक प्रकरणों को कोर्ट से वापस लेने के आदेश मुख्यमंत्री ने गृह विभाग की समीक्षा के दौरान आदेश जारी करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पहले लॉकडाउन (20 मार्च 2020 से 30 जून 2020) में 32,463 प्रकरण धारा 188 IPC में और 669 प्रकरण महामारी अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किए गए थे। दूसरे लॉकडाउन (13 मार्च 2021 से 19 जून 2021) में 22,336 प्रकरण धारा 188 IPC में और 1,202 प्रकरण महामारी अधिनियम दर्ज हुए। इस सभी आपराधिक प्रकरणों को गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने इसके लिए जारी की गई एडवाइजरी को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं।