अध्यक्ष बनते ही जीतू पटवारी ने ली संगठन की सुध, आज से लगातार चार दिन करेंगे कार्यकर्ताओं से संवाद

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Pratibha Rana
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अध्यक्ष बनते ही जीतू पटवारी ने ली संगठन की सुध, आज से लगातार चार दिन करेंगे कार्यकर्ताओं से संवाद

BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जीतू पटवारी मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनते ही विवादों में आ गए है। मप्र कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही नेताओं से मुलाकात शुरू कर दी है। आज ( 24 दिसंबर) से पटवारी संगठनात्मक बैठक का सिलसिला शुरू कर रहे हैं।

ये रहेगा पटवारी के साथ बैठकों का कार्यक्रम

दिनांक 24 दिसंबर 2023

सुबह 11बजे से दोपहर 1 बजे तक महिला कांग्रेस के साथ बैठक

दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक युवा कांग्रेस के साथ बैठक

दिनांक 25 दिसंबर 2023

सुबह 11बजे से दोपहर 1 बजे तक NSUI के साथ बैठक

दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक सेवादल के साथ बैठक

दिनांक 26 दिसंबर 2023

सुबह 11बजे से जिला कांग्रेस अध्यक्ष,प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिला प्रभारियों के साथ बैठक

दिनांक 27 दिसंबर 2023

सुबह 11बजे से सभी विभाग और प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के साथ बैठक।


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16 दिसंबर को मिली अध्यक्ष की जिम्मेदारी

16 दिसंबर को मध्यप्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष जीतू पटवारी बने हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष जीतू पटवारी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। जीतू पटवारी को राहुल गांधी से नजदीकी का फायदा मिला। पटवारी राऊ विधानसभा से विधायक थे। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें मधु वर्मा से हार का सामना करना पड़ा। वे 2013 में पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2018 में फिर विधायक चुने गए और 15 महीने की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। पटवारी एक तेजतर्रार नेता के रूप में जाने जाते हैं।

संगठन मजबूत करना सबसे बड़ी चुनौती

बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा कारण कार्यकर्ताओं की भारी संख्या है। वहीं कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं की कमी है।

पहले देखते हैं कांग्रेस के संगठन के हाल

  • कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्र में जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव को बनाया हुआ है और शहराध्यक्ष की नियुक्त चुनाव के कुछ माह पहले ही सुरजीत सिंह चड्‌ढा के रूप में की। शहराध्यक्ष में जो महामंत्री, उपाध्यक्ष, सदस्य व अन्य पदों के रूप में कार्यकारिणी होना चाहिए वह पांच साल से नहीं है।
  • कांग्रेस में शहराध्यक्ष के नीचे ब्लॉक अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी (एक विधानसभा में तीन ब्लॉक), फिर इसके नीचे वार्ड अध्यक्ष और फिर इसके नीचे मंडलम अध्यक्ष होते हैं जो दो-तीन बूथ से मिलकर बनता है।
  • कांग्रेस की शहर कार्यकारिणी नहीं है और इससे बुरे हाल तो यह है कि ब्लॉक अधय्क्ष, वार्ड अद्यक्ष और मंडलम अध्यक्ष के कोई पते नहीं है। हालत यह है कि जिसे टिकट मिलता है वहीं उम्मीदवार अपने लोगों को तैयार करता है और बूथ मैनेजमेंट संभालने की जिम्मेदारी देता है और उसे खुद ही भुगतान करता है। पार्टी से कोई मदद नहीं मिलती है।

ये कमोबेश पूरे मध्यप्रदेश के है।

अब समझिए बीजेपी का संगठन स्ट्रक्चर, क्यों है विश्व की सबसे बड़ी पार्टी

बीजेपी में सबसे निचले पायदन पर होता है पन्ना प्रमुख (एक पन्ने पर 30 मतदाताओं के नाम होते हैं), इसके ऊपर होता है बूथ अध्यक्ष, इसके साथ ही बूथ महामंत्री, बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) और 20 सदस्यीय बूथ कार्यकारिणी होती है, जिसमें पन्ना प्रमुख शामिल होते हैं। यह उसी बूथ से जुड़े स्थानीय लोग ही होते है, जो सभी मतदाताओं को पहचानते हैं।

  • इंदौर में नौ विधासनभा में 2500 से ज्यादा बूथ है, इन्हें 20 कार्यकर्तां से गुणा करें तो 50 हजार से ज्यादा तो यही मैदानी कार्यकर्ता है जो बूथ मैनेजमेंट संभालते हैं।
  • बूथ कार्यकारिणी के ऊपर होता है शक्ति केंद्र जिसमें प्रभारी और संयोजक होते हैं, यह चार-पांच बूथ से मिलकर बनता है।
  • शक्ति केंद्र के ऊपर होता है वार्ड संयोजक।
  • वार्ड संयोजक के ऊपर का स्ट्रक्चर होता है मंडल अध्यक्ष का जिसमें पूरी कार्यकारिणी होती है, इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री पद के साथ ही सोशल मीडिया प्रभारी, आईटी सेल प्रभारी व अन्य पदाधिकारी होते हैं।
  • मंडल अध्यक्ष के ऊपर जिलाध्यक्ष और उनकी पूरी कार्यकारिणी होती है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन जैसे बड़े शहर में जिला कार्यकारिणी दो भागों में होती है एक नगराधय्क्ष और उनकी कार्यकारिणी, दूसरी ग्रामीण जिला कार्यकारिणी। इस तरह प्रदेश में बीजेपी की 57 जिला कार्यकारिणी है।
  • इसके साथ ही बीजेपी के सात मोर्चा और उनकी पूरी कार्यकारिणी जिला स्तर पर होती है, जिसमें युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक व किसान मोर्चा होता है। यह पार्टी के लिए अपने क्षेत्र में काम करते हैं।
  • वहीं बीजेपी के 17 विविध प्रकोष्ठ होते हैं, जिसमें आर्थिक प्रकोष्ठ, व्यापारिक प्रकोष्ठ, विधि, चिकित्सा, शिक्षक, बुनकर, मछुआरा, सांस्कृतिक, व्यावसायिक व अन्य प्रकोष्ठ है। इनकी भी पूरी एक समिति होती है जो अपने क्षेत्र के लोगों के बीच पार्टी के लिए काम करती है उन्हें जोड़े रखती है।
  • बूथ कार्यकर्ता, विविध मोर्च, प्रकोष्ठ व अन्य कार्यकारिणी को जोड़ लें तो इंदौर जिले में ही करीब 60 हजार सक्रिय कार्यकर्ताओं की बीजेपी के पास लंबी फौज मौजूद है।
MP News एमपी न्यूज State Congress President Jitu Patwari Jitu Patwari is adding family organizational meeting of Jitu Patwari प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जीतू पटवारी जोड़ रहे कुटुम्ब जीतू पटवारी की संगठनात्मक बैठक