BHOPAL. सबके लिए घर का सपना साकार करने के लिए 2015 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी। इस योजना के माध्यम से देश के सभी ऐसे नागरिकों को पक्के मकान उपलब्ध करना है जिन्हें इसकी आवश्यकता है। ऐसे सभी नागरिक को केंद्र सरकार की इस योजना से पक्के मकान को वर्ष 2023 तक उपलब्ध कराना है। सूत्रों के मुताबिक चुनावी साल में सरकार अपनी आवास योजना ला सकती है। इसका एक प्रस्ताव शासन के पास लंबित है। इसमें उन लोगों को शामिल किया जा सकता है, जो केंद्र की योजना का लाभ नहीं ले पाए। नगरीय विकास एवं आवास विभाग में एडिशनल कमिश्नर सतेंद्र सिंह के मुताबिक मार्च के बाद से कोई नया आवेदन नहीं ले रहे। अर्बन और रूरल के लिए प्रदेश का कोटा सीमित है।
नया आवेदन लेना हुआ बंद
साल 2015 में लॉन्च की गई पीएम आवास योजना के तहत पिछले ढाई महीनों में घर के लिए एक भी नया आवेदन केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया है। इसीलिए केंद्र ने योजना का दूसरा चरण घोषित नहीं किया। लिहाजा मप्र सरकार ने भी अब नए आवेदन लेना बंद कर दिया है। इसका मतलब है कि राज्य में अब नए पीएम आवास स्वीकृत नहीं होंगे।
2023 तक ही सब्सिडी के आवेदनों की स्वीकृति
पीएमएवाई (अर्बन) के तहत केंद्र सरकार द्वारा 31 मार्च 2023 तक ही सब्सिडी के आवेदनों को स्वीकृति दी गई थी। केंद्र से नई स्वीकृति जारी नहीं होने की वजह से राज्य ने भी आवेदन नहीं भेजे। यदि किसी वजह से पहले से स्वीकृत आवास सरेंडर होते हैं तभी किसी नए आवेदक को मौका मिलेगा। अभी सभी श्रेणियों को मिलाकर प्रदेश के लिए 9.5 लाख आवास स्वीकृत हैं। इनमें से 6.5 लाख बन चुके हैं।
एमपी में पीएम आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए निम्न आय वर्ग के लोगों को सरकार की ओर से पात्रता घोषित होने पर आवास निर्माण के लिए करीब 2.5 लाख रुपए की आर्थिक मदद की जाती है। यह मदद किस्तों में होती है। इस मदद के जरिए मध्य प्रदेश अभी तक 32 लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं इस बात को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की है कि मध्य प्रदेश उन राज्यों में शामिल हो गया है, जहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सर्वाधिक लोगों को मिल रहा है। अभी मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में 38 लाख आवास को स्वीकृति मिली है।