जयपुर में पायलट गुट के माने जाने वाले कांग्रेस महासचिव को पार्टी बैठक में जाने से रोका तो हुआ हंगामा

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Rahul Garhwal
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जयपुर में पायलट गुट के माने जाने वाले कांग्रेस महासचिव को पार्टी बैठक में जाने से रोका तो हुआ हंगामा

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में कांग्रेस के 2 बड़े नेताओं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच भले ही सुलह-सफाई हो गई हो, लेकिन निचले स्तर पर दोनों गुटों के बीच खींचतान अभी भी जारी है। इसका नजारा बुधवार को जयपुर में झोटवाड़ा ब्लॉक कांग्रेस की बैठक में दिखा जहां सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले प्रदेश कांग्रेस महासचिव राजेश चौधरी को पुलिस ने बैठक में जाने से रोक दिया और इस पर बैठक में हंगामे की स्थिति बन गई। राजेश चौधरी झोटवाड़ा से टिकट के दावेदार हैं।

हंगामे की स्थिति बनी

राजस्थान में प्रत्याशियों का फीडबैक लेने के लिए लोकसभा क्षेत्रवार बनाए गए पर्यवेक्षक सभी विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं और प्रत्याशियों के बारे में फीडबैक ले रहे हैं। इस एक्सरसाइज में कई जगह पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच वाद-विवाद और हंगामे में की स्थिति बनती दिख रही है। ऐसा ही कुछ झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी देखा गया।

राजेश चौधरी को पुलिस ने रोका

जयपुर ग्रामीण के कांग्रेस अध्यक्ष विधायक गोपाल मीणा ने झोटवाड़ा विधानसभा की बैठक बुलाई, जिसमें जयपुर ग्रामीण लोकसभा के पर्यवेक्षक राव दान सिंह भी मौजूद रहे। इस बैठक में झोटवाड़ा विधानसभा के ब्लॉक अध्यक्ष जितेंद्र कायथवाल ने विधानसभा से टिकट मांग रहे अन्य प्रत्याशियों को भी बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया था। बैठक में शामिल होने के लिए पायलट समर्थक प्रदेश कांग्रेस महासचिव राजेश चौधरी भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे, लेकिन उन्हें पुलिस ने अंदर जाने से ये कहते हुए रोक दिया कि कोई भी समर्थक बैनर-पोस्टर लेकर अंदर नहीं जाएगा।

राजेश चौधरी का इशारा मंत्री लालचंद कटारिया की ओर

इस पर राजेश चौधरी पहले तो पुलिसकर्मियों से भिड़े और फिर मीटिंग स्थल पर मंच पर जाकर पर्यवेक्षक राव दान सिंह के सामने ये आपत्ति जताते नजर आए कि किसके आदेश पर पुलिस ने उन्हें बाहर रोका। सीधे तौर पर राजेश चौधरी का इशारा मंत्री लालचंद कटारिया की ओर था। माइक पर जब राजेश चौधरी ने अपनी बातें जबरन रखना चालू रखा तो राव दान सिंह और जिलाध्यक्ष गोपाल मीणा उन्हें समझाते दिखे, लेकिन राजेश चौधरी की नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि मंत्री लालचंद कटारिया बैठक स्थल से निकल गए। हालांकि, इस बात के वीडियो तो सामने नहीं आए, लेकिन कहा ये भी जा रहा है कि इसके बाद राजेश चौधरी और लालचंद कटारिया के समर्थकों के बीच हाथापाई भी हुई।

राजेश चौधरी ने कही बेइज्जती की बात

प्रदेश महासचिव राजेश चौधरी ने कहा ब्लॉक अध्यक्ष ने मुझे ब्लॉक की बैठक के लिए फोन करके बुलाया था। मैं पार्टी का प्रदेश महासचिव हूं, हमारी ही पार्टी की बैठक में मुझे गेट पर रोक दिया। ये साधारण घटना नहीं है। बिना किसी प्रभावशाली व्यक्ति के पुलिस ऐसे किसी को कैसे रोक सकती है? मैंने बैठक में भी यही बात कही थी कि ब्लॉक अध्यक्ष ने जब मुझे बैठक के लिए बुलाया तो पुलिस ने कैसे रोका? मुझे रोकने का आदेश किसने दिया? हमें गेट पर पुलिस ने रोका, बड़ी मुश्किल से हम अंदर आ पाए। इस तरह की घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता। आप अपनी ही पार्टी के नेता की बेइज्जती करवा रहे हो। मैं इस बात को टॉप लेवल पर भी उठाऊंगा।

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राजेश चौधरी के आरोपों के बाद विवाद बढ़ा

राजेश चौधरी के आरोपों के बाद विवाद बढ़ गया है। झोटवाड़ा ब्लॉक अध्यक्ष और मंत्री लालचंद कटारिया के समर्थक जितेंद्र कायथवाल ने कहा कि ये सही है कि फीडबैक बैठक में मैंने प्रदेश महासचिव राजेश चौधरी को फोन करके आमंत्रित किया था। उनके समर्थक तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए बैठक में जाना चाहते थे। उनके समर्थकों को तख्तियां अंदर नहीं ले जाने देने के लिए गेट पर रोका था, क्योंकि फीडबैक बैठक का डैकोरम मेंटेन रहे। इसके बाद उनके समर्थकों ने वहां हंगामा किया। हंगामा करने वालों को रोका गया था। विधानसभा चुनाव की फीडबैक बैठक में कुछ तो डिसेंसी मेंटेन करनी होती है, वहां अखाड़ा नहीं बनने दिया जा सकता।

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