BHOPAL. चुनावी नतीजों के हफ्ते भर बाद सभी कयासों और अटकलों पर विराम लगाते हुए बीजेपी ने चौंकाने वाले फैसला करते हुए मोहन यादव को एमपी का अगला मुख्यमंत्री बनाया हैं। अब बीजेपी ने यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में दूसरी पंक्ति का नेतृत्व तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है। यादव को प्रदेश की कमान सौंपे जाने के साथ ही मध्यप्रदेश में अब छात्र संघ चुनाव का रास्ता साफ होता दिख रहा है।
पुराने नेताओं को संदेश
58 वर्षीय मोहन यादव को सीएम बनाया जाना पुराने नेताओं को साफ संदेश है कि अब राज्य में दूसरी पंक्ति के नेतृत्व को कमान सौंपी जा रही है। बीजेपी सरकार और संगठन के लिहाज से यह एक बड़ा बदलाव है। नए मुख्यमंत्री मोहन यादव नई लीडरशिप को आगे बढ़ाने के पक्षधर हैं। यह इसलिए और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां साल 2017 से कॉलेजों में छात्रसंघ के चुनाव नहीं हुए हैं। यादव स्वयं आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी से इस मुकाम पर पहुंचे हैं, तो उनकी नजर में छात्रसंघ को अहमियत मिलना स्वाभाविक भी है। आरएसएस की भी योजना रहती है कि छात्रों के जरिए नया नेतृत्व तैयार किया जाता रहना चाहिए।
छात्र संघ चुनाव की संभावना बढ़ी
यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जब अगस्त 22 में राजस्थान में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने छात्रसंघ चुनाव का ऐलान किया था, तब मोहन यादव ने इटारसी में कहा था कि मध्यप्रदेश में अगले साल छात्र संघ के चुनाव होंगे, लेकिन इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लेंगे। अब यादव खुद मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में छात्र संघ चुनाव की संभावना बढ़ गई है।
सबसे पहले एमपी में लागू की थी शिक्षा नीति
मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में लागू हुई थी। इसी के साथ मध्यप्रदेश देश में नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बन गया था। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है। इस दौरान यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे।