KHARGONE. मध्य प्रदेश के खरगोन में अंधविश्वास ने एक किशोरी की जान ले ली। 17 साल की किशोरी को सांप ने डंस लिया था। इसके बाद परिजन उसे लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे। इस दौरान वे अस्पताल में भी दो घंटे तक झाड़-फूंक कराते रहे। वहीं, झाड़-फूंक करने वाले ओझा को रोकने की बजाय डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारी भी मूकदर्शक बने रहे। नतीजतन किशोरी की मौत हो गई।
झिरन्या के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से किया था रेफर
रिपोर्ट्स के मुताबिक खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर झिरन्या थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर कॉलोनी की रहने वाली 17 साल की लड़की को सुबह करीब साढ़े सात बजे सांप ने काट लिया था। परिजन उसे तत्काल झिरन्या के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। यहां डॉक्टर में किशोरी का इलाज शुरू किया। हालांकि, प्राथमिक उपचार के बाद लड़की के परिजनों ने झाड़-फूंक करने वाले एक ओझा को बुला लिया।
खरगोन जिला अस्पताल ले जाते रास्ते में दम तोड़ा
ओझा ने अस्पताल के बेड पर ही झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया। करीब 2 घंटे तक सरकारी अस्पताल में झाड़फूंक होती रही। अस्पताल प्रशासन ने न ओझा को रोका और न ही लड़की को खरगोन जिला अस्पताल के लिए रेफर किया। 2 घंटे बाद जब लड़की की हालत बिगड़ने लगी तो उसे खरगोन रेफर किया गया। खरगोन जिला अस्पताल ले जाते समय लड़की ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
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घरवाले नहीं माने ओझा को बुलाकर झाड़-फूंक कराने लगेः सीएमएचओ
मामले पर सीएमएचओ डॉ. दौलत सिंह चौहान ने कहा कि अस्पताल पहुंचने के बाद उपचार किया गया और लड़की को रेफर कर दिया गया था, लेकिन घरवाले माने नहीं और ओझा को बुलाकर वहां पर झाड़-फूंक कराने लगे। लड़की की तबीयत बिगड़ने लगी तो कहा कि हमें ले जाना है। इसके बाद बीएमओ ने एंबुलेंस को कॉल किया और खरगोन रेफर कर दिया। रास्ते में लड़की की मौत हो गई। सीएमएचओ ने कहा कि अंधविश्वास के चक्कर में परिजन झाड़फूंक कराते रहे। ये गलत बात है। हम जनता से अपील करेंगे कि वे अंधविश्वास के चक्कर में ना पड़ें। बारिश का मौसम है सांप निकलते हैं सांप काट ले तो अंधविश्वास में ना रह कर तत्काल उपचार कराएं।