Surguja. सरगुजा में अब से कुछ देर बाद कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन शुरू होने जा रहा है साढ़े 4 सालों में यह पहला मौका होगा जब कांग्रेस के कार्यकर्ता अंबिकापुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव को एक मंच पर देखेंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आयोजित है और हर संभाग में इसका आयोजन हो रहा है, अपने अंतिम चरण में यह सरगुजा में हो रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में विशेषकर जो सरगुजा से हैं, उनमें जबरदस्त नाराजगी है। वह अपनी नाराजगी कई व्हाट्सएप ग्रुप में खुलकर जाहिर कर रहे हैं एक कार्यकर्ता ने तो यह तक लिखा है कि साढ़े चार साल बाद हमारी याद क्यूं। इन साढ़े चार साल में अधिकारी यह नहीं देखते थे कि हमारी समस्याएं वाजिब है या नही, बल्कि यह देखते थे कि यह सिंहदेव के समर्थक हैं तो समस्या का समाधान तो दूर हमारे ही खिलाफ मामले कायम किए जाते है। बुरी तरह भड़के कांग्रेसियों का यह कार्यकर्ता सम्मेलन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि मंच पर उन्हें वह मुख्यमंत्री भूपेश भी दिखेगे,जिन्हे लेकर यह मान्य धारणा है कि साढ़े चार साल तक प्रशासन का जो रुख और रवैया रहा उसके पीछे सीएम बघेल की सहमति थी। या कि अधिकारी जब भी ऐसा करते थे तो अधिकारियों को यह भरोसा होता था कि, इससे प्रदेश की सर्वोच्च सत्ता ख़ुश रहेगी।
बेहद नाराज़गी लेकिन बोलने का मौका मिलेगा क्या?
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बेहद नाराज़गी है। ये कई मौंको पर साबित हुआ यदि कार्यकर्ता सिंहदेव समर्थक है या कि संगठन के हैं,तो उन्हे समर्थक होने का नुकसान उठाना पड़ा है।कांग्रेस की इस सरकार में अपमान के जितने घूंट मंत्री सिंहदेव ने नहीं पिए होंगे, उससे कही ज्यादा अपमानित सिंहदेव समर्थक हुए और हर क्षण अपमान के घूँट पीते रहे हैं।कांग्रेस के भीतर अपने समर्थकों के रूप में एक और कांग्रेस बना देने की परंपरा जैसे प्रदेश के हर क्षत्रप के ईलाके में रही बिलकुल वैसी सरगुजा में रही और पुरजोर रही है। इसका नायाब नमूना आज के ही कार्यक्रम में जारी दो विज्ञापनों से मिलता है। करीब आधे पन्ने का विज्ञापन जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी हुआ तो उसके ठीक उलट सीएम बघेल के परम प्रिय मंत्री अमरजीत भगत की ओर से फुल पेज विज्ञापन जारी हुआ। मंत्री अमरजीत भगत की ओर से जारी विज्ञापन में यह पूरा ख्याल रखा गया कि अमरजीत और भूपेश की फोटो बड़ी हो और सिंहदेव की फोटो खोजने के लिए आंख पर चश्मा चढ़ाना पड़े। बीते साढ़े चार सालों से अपमानित होते कांग्रेस कार्यकर्ता जिनकी पहचान सिंहदेव समर्थक के रूप में है या कि संगठन खेमें के कार्यकर्ता के रूप में है वह पूरी तरह नाराज़, बिफरे और भड़के हुए है। लेकिन जैसा कि कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन की अबतक की परंपरा है,कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को बोलने का अवसर नहीं मिलता है मंच से नेता बोलते हैं और चले जाते हैं ऐसे में बहुत संभावना है कि कार्यकर्ताओं को बोलने का अवसर न मिले।
एकतरफा संवाद से हासिल क्या होगा
जब कार्यकर्ताओं को अपनी बात कहने का अवसर नहीं मिलेगा, तो जाहिर है ना तो नाराज़गी थमेगी और ना ही कांग्रेस को चुनाव में वो सफलता मिलेगी जिसकी उम्मीदों के साथ यह कांग्रेस सम्मेलन किया जा रहा है।ज़ाहिर है यदि कार्यकर्ताओं को अपनी बात कहने का अवसर मिलेगा तो मंच पर मौजूद चेहरों को असहज होना पड़ता,इसलिए व्यवस्था ही यह की गई है कि, कार्यकर्ता सम्मेलन में मंचासीन लोग बोलें और कार्यकर्ताओं के हिस्से केवल सुनना आए।लेकिन यदि यह संवाद दो तरफ़ा होता तो इससे निराश हताश नाराज कार्यकर्ताओं का शायद ग़ुस्सा कम होता और वे भड़ास निकाल कर फिर एक बार जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरे उत्साह से सक्रिय होते।