Surguja. सरगुजा पुलिस ने क़रीब सौ एकड़ की सरकारी ज़मीन के फ़र्ज़ी खरीद के मसले पर कार्यवाही करते हुए लंबे अरसे से राजनीतिक रसूख़ के दम पर बच रहे दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है। इनमें से एक कांग्रेस का ब्लॉक अध्यक्ष और जनपद सदस्य प्रदीप गुप्ता है जबकि दूसरे बीजेपी के प्रभावी कार्यकर्ता और पूर्व भाजयुमो उपाध्यक्ष अमित गुप्ता हैं। लंबे अरसे से ज़मीन घोटाला मामले में पुलिस के रसूख़ को चुनौती देते हुए दोनों आरोपियों की सार्वजनिक मौजूदगी थी। क़रीब सौ एकड़ के इस ज़मीन घोटाले में 19 लोग आरोपी हैं।इस मामले में महीनों बाद पुलिस की कार्रवाई को अपराध के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस के सीएम भूपेश के सख़्त निर्देश से जोड़ कर देखा जा रहा है।
ये है मामला
ज़मीन घोटाले का यह मामला बतौली थाना क्षेत्र के करदना और झलगंवा-भटको गाँव में मौजूद पहाड़ का है। रिकॉर्ड में सरकारी ज़मीन के रुप में दर्ज इस ज़मीन में लगातार क़ब्ज़ा होने की शिकायत स्थानीय ग्रामीणों ने कलेक्टर से की थी। कलेक्टर कुंदन कुमार ने मौक़े पर राजस्व टीम भेजी जिसके बाद यह खुलासा हुआ कि, राजनीतिक रुप से रसूखदार लोगों ने सरकारी ज़मीन के रिकॉर्ड में परिवर्तन करा कर उसे अपने नाम पर चढ़ा लिया। सौ एकड़ से अधिक इलाक़े में कथित तौर पर इस गड़बड़ी की शिकायत पर की गई प्रारंभिक जाँच में मामला पचास एकड़ के क़रीब पहुँच गया था। बतौली थाने में धारा 120बी,420,467,468,471 के तहत अपराध दर्ज किया गया था।इस मामले में 19 लोगों के खिलाफ एफ़आइआर दर्ज की गई थी। इनमें भगमनिया,शशांक गुप्ता,रामानन्द यादव,जगमोहन,हेमंत यादव,प्रेमलता, अश्विनी सिंह,भूपेन्द्र यादव,अनुप गुप्ता,उदय राम,सुंदर राम,सुभग राम,रामप्रसाद,जयेश गुप्ता,प्रदीप गुप्ता,अनिता यादव,बीना गुप्ता, पटवारी कंचराम पैंतरा और काननूगो जान बड़ा को नामज़द आरोपी बनाया गया था।
इसलिए मंत्री अमरजीत भगत का नाम लगातार उछला
आरोपियों में भुपेंद्र यादव को लेकर खबरें रहीं कि, वे मंत्री अमरजीत भगत के निज सचिव के रुप में काम देखते थे, लेकिन मामला सामने आने के बाद मंत्री अमरजीत भगत ने मामले से पल्ला झाड़ लिया।मंत्री अमरजीत भगत ने भुपेंद्र यादव को लेकर बताया कि, वह निज सचिव नहीं बल्कि उनके कार्यालय में पदस्थ था। खबरें हैं कि किरकिरी होते देख मंत्री अमरजीत भगत ने भुपेंद्र यादव को ऑफिस से भी हटा दिया। आरोपियों में एक अन्य नाम प्रदीप गुप्ता है जो बतौली कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष और जनपद सदस्य हैं। मामले में भुपेंद्र यादव और प्रदीप गुप्ता का नाम सामने आने पर मंत्री अमरजीत भगत ने किसी भी प्रकार के संरक्षण से बार बार इंकार किया लेकिन उन पर राजनीतिक आरोप इस मसले को लेकर लगते रहे।
एफ़आइआर तो हुई लेकिन गिरफ़्तारी में पसीना छूट गया था पुलिस का
इस मामले में एफ़आइआर तो तेज़ी से हुई लेकिन आरोपियों की गिरफ़्तारी में पुलिस के पसीने छूट गए। आरोपियों की बिंदास मौजूदगी ने किरकिरी और परेशानी तो खड़ी की लेकिन पुलिस कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
सीएम भूपेश के ज़ीरो टॉलरेंस ने पुलिस को दिया दम
आरोपियों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों से ही जुड़े लोग थे। ज़मीन घोटाले का यह मसला पुलिस के रसूख़ पर लगातार सवाल खड़े कर रहा था। लेकिन अंततः पुलिस ने 24 घंटे के भीतर बीजेपी से जुड़े अमित गुप्ता और कांग्रेस से जुड़े प्रदीप गुप्ता को गिरफ़्तार कर लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हालिया दिनों सीधे सीएम भूपेश से निर्देश थे कि अपराध यदि है तो कार्यवाही हर हाल में सुनिश्चित हो। पुलिस ने आख़िरकार गिरफ़्तार कर लिया। अन्य आरोपियों की तेज़ी से तलाश चल रही है।