Jabalpur. जबलपुर के रक्षा संस्थान निषिद्ध क्षेत्र हैं, जहां शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत फोटो खींचना, दस्तावेजों की कॉपी या स्मार्ट फोन रखना प्रतिबंधित है, बावजूद इसके इन रक्षा संस्थानों के अधिकारी और कर्मचारी इन नियमों का पालन नहीं करते। गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मी भी स्मार्टफोन के प्रतिबंध के नियम का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब आयुध निर्माणी खमरिया में अचानक औचक तलाशी अभियान शुरु किया गया। इस अभियान में अधिकारियों तक को नहीं छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि निर्माणी के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब बड़े अधिकारियों तक की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान अनेक कर्मचारियों और अधिकारियों के पास से स्मार्ट फोन बरामद हुए, जो कि निर्माणी के अंदर प्रतिबंधित हैं। एक अधिकारी के पास से टैब भी बरामद किया गया है।
जीएम ने दिखाई थी सख्ती
दरअसल इस हीलाहवाली को दूर करने 4 महीने पहले निर्माणी के महाप्रबंधक ने निर्माणी परिसर में मोबाइल ले जाए जाने पर रोक लगा दी थी। कुछ अफसरों ने वाजिब मजबूरियां गिनाईं तो जीएम की ओर से मोबाइल ले जाने की अनुमति भी दे दी गई, लेकिन शर्त कीपैड वाला मोबाइल ले जाने की थी। लेकिन जब बीते रोज निर्माणी में यह औचक अभियान चलाया गया तो विभिन्न विभागों में हड़कंप मच गया। क्योंकि सभी स्मार्टफोन ही रखे हुए थे।
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3 दर्जन एंड्रायड फोन और एक टैब बरामद
इस तलाशी अभियान के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों के पास से बरामद किए गए स्मार्ट फोन्स का ढेर लग गया। निर्माणी के सुरक्षा अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। सूत्रों के मुताबिक बरामद हुए स्मार्ट फोन्स की संख्या 3 दर्जन से ज्यादा है। वहीं एक अधिकारी तो टैब लेकर निर्माणी परिसर में पाए गए। अब इन अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है, कि अब उन पर क्या कार्रवाई होगी?
जासूसी का भी है खतरा
दरअसल आयुध निर्माणियां देश की रक्षा से जुड़ा मसला है। यहां स्मार्ट फोन और इंटरनेट के जरिए कोई भी अधिकारी कर्मचारी सुरक्षा संबंधी गुप्त सूचना भी लीक कर सकते हैं। लिहाजा यह काफी गंभीर मामला भी हो सकता है। लेकिन आयुध निर्माणी में ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारी-कर्मचारी का ओवर टाइम बंद करते हुए शोकाज नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाता है। माना जा रहा है कि संबंधित अधिकारियों पर भी ऐसी कार्रवाई हो सकती है।