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मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार के समय शुरू किए गए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलों पर नई सरकार की तलवार चल सकती है। शिक्षा मंत्री बनाए गए मदन दिलावर ने शनिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की पहली बैठक के बाद कहा कि हम इंग्लिश मीडियम स्कूलों का रिव्यू करेंगे क्योंकि नई शिक्षा नीति में पहली से पांचवी कक्षा तक मातृभाषा में शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है।
इंग्लिश मीडियम टीचर भी उपलब्ध से नहीं हो रहे थे
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने बड़े जोर शोर के साथ सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू किए थे और उन्हें हर पंचायत में खोला जा रहा था। यह कांग्रेस सरकार की फ्लैगशिप स्कीम्स में शामिल था। हालांकि, नए स्कूल खोलने के बजाय हिंदी माध्यम के स्कूलों को ही अंग्रेजी माध्यम में बदला जा रहा था और इसके लिए पर्याप्त टीचर भी उपलब्ध से नहीं हो रहे थे क्योंकि नए इंग्लिश मीडियम टीचर्स की भर्ती भी नहीं की गई थी।
कक्षा 1 से पांचवी तक मातृभाषा में पढ़ाने का प्रावधान
विपक्ष में रहने के दौरान भारतीय जनता पार्टी हालांकि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का खुलकर विरोध नहीं कर रही थी लेकिन टीचर्स नहीं होने को मुद्दा जरूर बना रखा था। अब सरकार बदलने के बाद इन महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर सरकार की टेढ़ी नजर दिख रही है। शनिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक के बाद नए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रावधान है कि कक्षा 1 से पांचवी तक मातृभाषा में पढ़ाया जाए। जबकि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में इंग्लिश में पढ़ाई करवाई जा रही है। ऐसे में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को लेकर अध्ययन और रिव्यू किया जाएगा। वैसे भी जिन स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर ही नहीं है तो उनका कोई उपयोग नहीं है।
सरकार फिर से सिलेबस का रिव्यू करेगी
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पाठ्यक्रम को रिव्यू करने की बात भी कहीं। दिलावर ने कहा- पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। ऐसे में हमारी सरकार फिर से सिलेबस का रिव्यू करेगी। क्योंकि अगर दो और दो को पांच पढ़ाया जा रहा होगा। वह पूरी तरह गलत होगा। जो घटनाएं हुई ही नहीं होगी, अगर उन्हें पढ़ाया जा रहा है। इसका बदलाव करना बेहद जरूरी है। शिक्षा विभाग की जो भी योजनाएं विद्यार्थियों और देश के हित में होगी। हम उसे लागू करेंगे। जो भी योजनाएं ऐसी होगी, जिससे विद्यार्थियों का अहित हो रहा होगा। उसे बंद कर देंगे।