अरुण तिवारी, BHOPAL. देश में स्वतंत्रता और स्वाधीनता का अमृतकाल चल रहा है। देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन क्या वाकई ये गणतंत्र, जन गण मन का है। ये सवाल इसलिए है क्योंकि जन की गाढ़ी कमाई तंत्र लुटा रहा है। आम आदमी के टैक्स का पैसा सरकार के नुमाइंदों की सुविधाओं पर खर्च किया जा रहा है। जिनको हमने चुना है उन मंत्रियों के ही बंगलों की साजसज्जा पर ही बेतहाशा रुपए उड़ाए जा रहे हैं।
अकेले सीएम हाउस और शिवराज के बंगले पर 26 करोड़ खर्च
हम आपको बता रहे हैं पिछली शिवराज सरकार के आखिरी दो साल का खर्च, जिससे यह बात नजर आएगी कि किस तरह जनता के पैसे लुटाए जा रहे हैं । पिछले दो साल में मंत्रियों के बंगलों के नए निर्माण और साजसज्जा पर 37 करोड़ से ज्यादा का फंड खर्च किया गया है। अकेले सीएम हाउस और शिवराज सिंह चौहान के 74 बंगले स्थित सरकारी आवास पर ही 26 करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए हैं। ये फंड सीएम हाउस का नव निर्माण, नवीन कार्यालय, पार्किंग एवं साइट डेवलपमेंट बिजली व्यवस्था पर खर्च किया गया है। इसमें उसके बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री का नंबर आता है। उनके बंगले पर सवा करोड़ खर्च किए गए हैं।
शिवराज सरकार में इस मंत्री के बंगले पर इतने खर्च...
- सीएम हाउस- 25 करोड़
- शिवराज सिंह चौहान के 74 बंगला स्थित सरकारी आवास- 1 करोड़ 64 लाख
- गोपाल भार्गव- 1 करोड़ 26 लाख
- ओपीएस भदौरिया- 9 लाख
- रामकिशोर कांवरे- 36 लाख
- बृजेंद्र सिंह यादव- 37 लाख
- प्रेम सिंह पटेल- 17 लाख
- अरविंद भदौरिया- 21 लाख
- प्रभुराम चौधरी- 54 लाख
- मीना सिंह- 4 लाख
- बृजेंद्र प्रताप सिंह- 8 लाख
- गोविंद सिंह राजपूत- 66 लाख
- जगदीश देवड़ा- 85 लाख
- सुरेश धाकड़- 60 लाख
- विश्वास सारंग- 22 लाख
- यशोधराराजे सिंधिया- 17 हजार
- प्रद्युम्न सिंह तोमर- 24 लाख
- महेंद्र सिंह सिसौदिया- 7 लाख
- नरोत्तम मिश्रा- 49 लाख
- तुलसी सिलावट- 84 लाख
- कमल पटेल- 10 लाख
- बिसाहूलाल सिंह- 13 लाख
- भूपेंद्र सिंह- 61 लाख
- उषा ठाकुर- 14 लाख
- विजय शाह- 30 लाख
- भारत सिंह कुशवाह- 7 लाख
- राजवर्धन सिंह दत्तीगांव- 8 लाख
- हरदीप सिंह डंग- 31 लाख
- मोहन यादव- 60 लाख
- इंदर सिंह परमार- 43 लाख
- ओमप्रकाश सकलेचा- 45 लाख
सजावट के साथ बिजली पर उड़ाए सवा 5 करोड़ रुपए
सरकारी तंत्र की एक और फिजूलखर्ची। ये फिजूलखर्ची कोई अपनी जेब से नहीं कर रहा, बल्कि जनता की जेब से टैक्स के रूप में पैसे निकालकर खर्च किए जा रहे हैं। जिनको जनता का सेवक होना चाहिए वे साहब बनकर टैक्स का पैसा लुटा रहे हैं। हमने आपको दिखाया कि किस तरह मंत्रियों के बंगलों की साज सज्जा पर दो साल में 37 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अब हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह सरकारी बिजली से इन मंत्रियों के बंगले 24 घंटे दूधिया रोशनी से नहाते रहे। ये खर्च भी पिछली शिवराज सरकार के आखिरी दो सालों का है। भोपाल में मंत्रियों के सरकारी बंगलों पर पिछले दो साल में बिजली संबंधी कार्य और उसके बिल पर 5 करोड़ 14 लाख रुपए खर्च हुए हैं।
मुख्यमंत्री निवास पर सवा करोड़ की बिजली खर्च
मंत्रियों के बिजली बिलों के भुगतान की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। हैरानी की बात इसमें ये भी है कि शिवराज सिंह चौहान का 74 बंगले का सरकारी आवास जिसमें उस समय कोई नहीं रहता था उसका बिल ही सवा लाख रुपए महीने आया। इसके अलावा इस सरकारी आवास और सीएम हाउस में दो साल में 1 करोड़ 55 लाख रुपए खर्च किए गए। मुख्यमंत्री निवास में बिजली की साज सज्जा पर 73 लाख और बिजली बिल पर 55 लाख पर खर्च किए गए। इस तरह 1 करोड़ 27 लाख से ज्यादा की मुख्यमंत्री निवास पर बिजली खर्च हुई। बिजली कंपनी पर 15 हजार करोड़ का कर्ज है जिसकी भरपाई बिजली टैरिफ बढ़ाकर आम आदमी के पैसे से की जा रही है। क्या मंत्रियों के बंगलों पर बिजली खर्च की सीमा तय नहीं होनी चाहिए। क्या उससे ज्यादा खर्च पर मंत्रियों से इस राशि को नहीं वसूलना चाहिए। जरा आप सोचिए।
इनका दो साल का इतना बिजली बिल
शिवराज सिंह चौहान- मुख्यमंत्री निवास- 127.30 लाख
शिवराज सिंह चौहान- बी 8, 74 बंगला- 27.60 लाख
गोपाल भार्गव- 46.58 लाख
कमल पटेल- 29.68 लाख
भूपेंद्र सिंह- 23.29 लाख
नरोत्तम मिश्रा- 22.24 लाख
सुरेश धाकड़- 19.20 लाख
इंदर सिंह परमार- 18.37 लाख
विजय शाह- 17.81 लाख
जगदीश देवड़ा- 16.82 लाख
हरदीप सिंह डंग- 16.73 लाख
गोविंद सिंह राजपूत- 15.40 लाख
ब्रजेंद्र प्रताप सिंह- 14.11 लाख
तुलसी सिलावट- 12.06 लाख
रामकिशोर कांवरे- 10.84 लाख
प्रभुराम चौधरी- 10.46 लाख
प्रद्युम्न सिंह तोमर- 5.62 लाख
सभी मंत्री बंगलों के कुल- 5 करोड़ 14 लाख