JAIPUR. सरकार बनने के 1 महीने के बाद आखिर राजस्थान की भजन लाल सरकार की पहली कैबिनेट बैठक 18 जनवरी को होने जा रही है। इस बैठक में 19 जनवरी से शुरू हो रहा है राजस्थान विधानसभा के पहले सत्र में पढ़े जाने वाले राज्यपाल के भाषण को मंजूरी दिए जाने के साथ ही कुछ और अहम फैसला किया जा सकते हैं। इस बैठक में विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियों को लेकर तो चर्चा होनी ही है। इस बैठक में सरकार के आगे के कामकाज का रोड मैप तय होगा। बैठक में गहलोत सरकार के निर्णयों की समीक्षा होगी।
राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी दिलाना जरूरी
भजनलाल सरकार की पहली कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री कार्यालय पर 18 जनवरी को सुबह 11 बजे प्रस्तावित की गई है। राजस्थान में किसी भी सरकार के गठन के बाद संभवत है पहला मौका है जब एक महीने के अंतराल के बाद कैबिनेट की बैठक हो रही है। 19 जनवरी से राजस्थान विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी और इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाना जरूरी है। ऐसे में कैबिनेट की बैठक जरूरी हो गई थी।
संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाने पर होगा निर्णय
सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने अपना जन घोषणा पत्र जारी किया था। इसे 'संकल्प पत्र' नाम दिया गया था। इस संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज (सरकारी दस्तावेज) बनाने का निर्णय भी कैबिनेट बैठक में लिया जा सकता है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र को कैबिनेट की पहली बैठक में रखवाकर उसे सरकारी दस्तावेज घोषित करवाया था।
गहलोत सरकार के फैसलों पर होगी चर्चा
माना जा रहा है कि इसी तरह से भजनलाल शर्मा की कैबिनेट भी संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज घोषित करेगी। सत्ता में आने से पहले लगातार बीजेपी गहलोत सरकार के अंतिम समय में लिए गए निर्णयों पर सवाल उठाती आई हैं। ऐसे में अब गहलोत सरकार के अंतिम 6 महीनों में लिए गए नीतिगत फैसलों के रिव्यू के लिए भी कैबिनेट की बैठक में कमेटी गठन करने का फैसला लिया जा सकता हैं।
कई निवेश प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर
कैबिनेट की पहली बैठक में कई निवेश प्रस्तावों पर भी मुहर लग सकती है। आचार संहिता लगने के कारण प्रदेश में कई निवेश प्रस्ताव अटके हुए हैं। कुछ दिन पहले आयोजित हुए वाइब्रेंट गुजरात समिट में प्रदेश के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शिरकत की थी। दोनों की कई निवेशकों से प्रदेश में ऊर्जा व अलग-अलग सेक्टर में निवेश को लेकर चर्चा हुई है। ऐसे में कुछ नए निवेश प्रस्तावों पर भी कैबिनेट में मुहर लगने की संभावना है।