Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले के मामले में सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मामले में इसी प्रकार कार्रवाई में हीलाहवाली की जाती रही तो हम अब इस पूरे मामले को सीबीआई को सौंपने पर विचार करेंगे। अदालत की इस टिप्पणी के बाद सरकार की ओर से बताया गया कि ग्वालियर हाई कोर्ट के आदेश पर पहले से ही सीबीआई प्रदेश भर के नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने स्पष्ट किया कि सीबीआई अभी सिर्फ उन 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है जिनको साल 2020-21 में मान्यता दी गई थी, जबकि शेष कॉलेज अभी सीबीआई जांच के दायरे से बाहर हैं।
सरकार ने पेश की एक्शन टेकन रिपोर्ट
याचिका पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच के समक्ष मामले की सुनवाई में सरकार की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की गई थी। जिसमें अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष बर्नाड ने अदालत में बताया कि नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को दतिया तबादला कर भेजा गया है साथ ही उन पर आरोप जारी कर दिए गए हैं। विभागीय जांच 3 महीने में पूरी कर ली जाएगी। अदालत को यह भी बताया गया कि काउंसिल में नियुक्त की गई नई रजिस्ट्रार स्टेला पीटर को भी पद से हटा कर मूल पदस्थापना पर भेजा जा चुका है। इसके अलावा साल 2022-23 में मान्यता प्राप्त 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त करने की जानकारी भी अदालत को दी गई।
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सरकार ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि जिन निरीक्षकों ने उक्त कॉलेजों के भौतिक सत्यापन की झूठी रिपोर्ट काउंसिल में पेश की थी, उनको नोटिस जारी किए जा चुके हैं साथ ही उन पर कार्रवाई के लिए कमेटी गठित की गई है। सरकार ने एक्शन टेकन रिपोर्ट में समस्त कार्रवाई की जानकारी देते हुए मांग की कि याचिका का निराकरण कर दिया जाए। इस मांग को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने अब तक की कार्रवाई पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए पूरा मामला सीबीआई को सौंपने की बात कही।
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने उभयपक्षों की दलीलें सुनने के बाद ग्वालियर बेंच में चल रहे नर्सिंग फर्जीवाड़े से संबंधित समस्त 40 मामलों को भी जबलपुर ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं और मामले को 7 अगस्त को सुनवाई के लिए रखा है।