BHOPAL. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को केरल में मानसून के पहुंचने की तारीख से तीन से चार दिन की देरी की आशंका जताई है। सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में एक जून को करीब सात दिनों के मानक विचल के साथ दस्तक देता है। मौसम विभाग ने मई के मध्य में कहा था कि यह 4 जून तक केरल पहुंच सकता है।
मानसून के बादल केरल पहुंचने के बाद मप्र में होती है बारिश
मध्य प्रदेश में इस साल पश्चिम के बादलों ने जमकर उत्पात मचाया है। इसके चलते प्री मानसून की बारिश की ठीक प्रकार से गणना नहीं हो पाई। सामान्यतः 1 जून को मानसून के बादल केरल पहुंच जाते हैं और इसके आधार पर मौसम वैज्ञानिक घोषणा करते हैं कि 15 जून तक मध्य प्रदेश में मानसून के बादल आ जाएंगे परंतु अभी तक केरल में मानसून के बादल नहीं पहुंचे हैं।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
भारत मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त हो रही सूचनाओं के अनुसार फिलहाल मध्य प्रदेश के आसमान पर पश्चिम के बादल छाए हुए हैं। कुछ इलाकों में तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि हो रही है। कुछ इलाकों में बारिश हो रही है जो पूरे सप्ताह भर चलेगी। क्योंकि मानसून के बादल अभी तक केरल नहीं आए हैं इसलिए मध्य प्रदेश कब तक आएंगे कहना मुश्किल है परंतु एक अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून 5 दिन की देरी से चल रहा है और 20 जून को मानसून के बादल मध्यप्रदेश तक आ जाएंगे।
मध्य प्रदेश में इस साल बारिश कैसी होगी
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि, मध्य प्रदेश में इस साल अच्छी बारिश नहीं होगी। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि, खेती के हिसाब से वर्षा अनिश्चित रहेगी। कभी अचानक मूसलाधार बारिश होगी तो कभी आसमान साफ रहेगा। इसलिए उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वह ऐसी फसलें लगाएं जिसमें वर्षा के पानी की जरूरत कम होती है। क्लाइमेट चेंज के कारण इस साल मौसम वैज्ञानिकों के ज्यादातर पूर्वानुमान गलत साबित हुए हैं। अब देखते हैं मानसून के मामले में क्या स्थिति बनती है।
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पश्चिमी हवा की गहराई औसत समुद्र तल से 2.1 किमी तक पहुंची
आईएमडी ने रविवार को एक बयान में कहा, दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवा के बढ़ने से परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। साथ ही, पछुआ हवा की गहराई धीरे-धीरे बढ़ रही है। आईएमडी ने रविवार को एक बयान में कहा, दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवा के बढ़ने से परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। साथ ही, पछुआ हवा की गहराई धीरे-धीरे बढ़ रही है और आज पश्चिमी हवा की गहराई औसत समुद्र तल से 2.1 किलोमीटर तक पहुंच गई है।
केरल में मानसून की शुरुआत के लिए 3-4 दिनों में और सुधार होगा
विभाग ने कहा, दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बादलों का द्रव्यमान भी बढ़ रहा है। हमें उम्मीद है कि केरल में मानसून की शुरुआत के लिए इन अनुकूल परिस्थितियों में अगले तीन-चार दिनों के दौरान और सुधार होगा। इसकी लगातार निगरानी की जा रही है और कल (सोमवार) को आगे की जानकारी दी जाएगी। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि देरी से देश में खरीफ की बुवाई और कुल बारिश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है।