जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान लगातार दूसरे दिन हंगामे की स्थिति बनी। कांग्रेस सरकार के समय जल जीवन मिशन में हुए घोटाले को लेकर सत्तापक्ष की ओर से चोर मचाए शोर के नारे लगाए गए और विपक्ष ने वैल में आकर हंगामा किया । सरकार की ओर से जवाब देते हुए जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि इस मामले में एड ने कार्रवाई की है और जरूरत पड़ी तो सीबीआई भी आएगी।
अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार
कांग्रेस विधायक इंद्रा ने बामनवास में जल जीवन मिशन में हुई अनियमितताओं की जांच को लेकर सदन में प्रश्न पूछा था। इसके जवाब में मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि लोग तो जल पिलाने के लिए प्याऊ लगते हैं, पुण्य कमाते हैं, लेकिन राजस्थान में तो इस जल जीवन मिशन की योजना में इतना बड़ा पाप किया है, जिसको कभी माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार इसी योजना में पूर्ववर्ती सरकार में हुआ है। जहां भी जाते हैं, वहां अनियमितता ही अनियमितता मिलती है। इस योजना के तहत काम कुछ नही हुआ। सिर्फ इन्होंने लूटने के काम किया है। केंद्र सरकार की योजना के नाम पर राशि उठाई, लेकिन उसके बावजूद भी उसका काम नहीं किया। इन सब भ्रष्टाचार की जांच होगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी दोषी होगा, उसको जेल में डाला जाएगा और जिस कंपनी ने काम किया है उसे ब्लैकलिस्ट करते हुए रिकवरी की जाएगी।
अभी तो ईडी आई है, आगे देखिए क्या-क्या होगा
मंत्री कन्हैया लाल ने कहा कि अभी तो ईडी आई है, आगे देखिए क्या-क्या होता है। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया, मंत्री ने कहा कि जो पाप किया है, तो सुना पड़ेगा, सुनने की क्षमता रखनी होगी। पानी की महत्वपूर्ण योजना थी जिसको आप लोगों ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। इसके बाद प्रतिपक्ष सदन की वेल में आ गया और जोरदार हंगामा शुरू हो गया। प्रतिपक्ष ने अपनी बात रखने की कोशिश की, तो इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर आपको जाना है तो आप चले जाइए, लेकिन बीच में बोलने का अधिकार नहीं होगा।
सत्ता पक्ष ने सदन में जोर-जोर से नारे लगाए कि चोरों को बचाने का प्रयास हो रहा है, लेकिन यह नहीं चलेगा। इस दौरान सदन में 'चोर मचाए शोर' के जमकर नारे लगे। सदन में लगातार हंगामा होता रहा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी को बीच में बोलने का अधिकार नहीं है। राज्यपाल के अभिभाषण के वक्त अपनी बात रख देना। . सदन में रहना है तो सुनना पड़ेगा। इसके बाद भी प्रतिपक्ष का हंगामा जारी रहा और प्रश्नकाल का समय समाप्त हो गया।