संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर कलेक्टोरेट वैसे तो दो मंजिला और कई कमरों वाला भव्य बना हुआ है, लेकिन यहां पर कमरा 108 और 103 दो की चर्चा सबसे ज्यादा होती है। कमरा 108 पर जहां अशुभ होने की मुहर लग चुकी है, तो वहीं कमरा 103 सभी के लिए लकी साबित हुआ है। यहां बैठते समय तो अधिकारी अपर कलेक्टर होता है लेकिन जब ट्रासंफर होकर बाहर निकलता है तो वह किसी जिले की कमान ही संभालता है और कलेक्टर बनता है। इसी कमरे में बैठे अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर जो बीते साल ही आईएएस हुए थे, उन्हें अब सोमवार को हुए ट्रांसफर आदेश में अलीराजपुर जिले की कमान सौंपी गई है और कलेक्टर बने हैं।
बेड़ेकर से पहले यह भी बन चुके हैं कलेक्टर
बेड़ेकर से पहले यहां से रविंद्र सिंह, रूचिका चौहान, निधि निवेदता, दिलीप कुमार, दिनेश जैन यहां से कलेक्टर बनकर जा चुके हैं। इसमें चौहान और निवेदिता तो डायरेक्ट आईएएस (आरआर यानि रेगुलर रिक्रूटमेंट) थे। चौहान को रतलाम की कलेक्टरी मिली थी तो निवेदिता को कांग्रेस सरकार आने पर रायगढ़ की कलेक्टरी मिली थी। दिनेश जैन करीब तीन साल तक शाजापुर में कलेक्टर रहे और अब नीमच में कलेक्टर है। इस कक्ष में आशीष सिंह भी बैठ चुके हैं जो अभी भोपाल कलेक्टर है।
कलेक्टोरेट के कमरा नंबर 108 की कहानी
वहीं कमरा नंबर 108 को कलेक्टोरेट में अशुभ माना जाता है। यहां पर रहे अधिकारियों को किसी ना किसी वजह से हटना पड़ा है। पहले यह कक्ष जनसुनवाई के लिए था लेकिन बाद में इसे अपर कलेक्टर कक्ष बना दिया, पहले यहां पर अपर कलेक्टर व आईएएस हिमांशु चंद्र बैठे लेकिन उन्हें हटना पड़ा। इसके बाद कुछ समय के लिए यहां भोपाल से आई अपर कलेक्टर सपना लौवंशी बैठी लेकिन कुछ दिनों बाद ही आयुष्मान योजना में घोटाले में उनका नाम उछला, तथाकथित वीडियो भी जारी हुआ और विवाद बढ़ा, इसके बाद उन्होंने आननफानन में भी स्टॉफ को बुलाकर कमरा खाली कर नीचे ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट कर लिया। अब इस कमरे को तीन टुकड़ों में बांटकर तीन एसडीएम में बांट दिया है, जिनके पास कोई बड़ा प्रभार नहीं है और केवल कुछ शाखाएं ही काम के लिए दी गई है।
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इंदौर में अब नए अपर कलेक्टर का इंतजार
इंदौर में अपर कलेक्टर के पदों मे दो पद आईएएस के लिए है। अभी बेड़ेकर के साथ ही अजय देव शर्मा भी आईएएस हैं। बेड़ेकर के ट्रांसफर के बाद एक पद खाली हुआ है लेकिन आने वाली लिस्ट में शर्मा का भी ट्रांसफर तय है। इसके साथ ही अपर कलेक्टर राजेश राठौड़ का भी ट्रांसफर होना है। यानि आने वाली लिस्ट में कम से कम तीन अपर कलेक्टर इंदौर को नए मिलेंगे, जिसमें दो आईएएस होंगे। माना जा रहा है कि इसमें कम से कम आईएएस डायरेकट आईएएस होगा, क्योंकि इंदौर कलेक्टोरेट से जिला पंचायत तक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को छोड़कर अन्य डायरेक्टर आईएएस ही पदस्थ नहीं है।