UJJAIN. उज्जैन का महाकाल लोक श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर कहा है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही यहां दान के कारण मंदिर को होने वाली आय भी पिछले एक साल में तीन गुना हो गई है। मंदिर समिति को करीब 27.77 करोड़ आय सिर्फ दो महीने में हुई है।
अप्रैल और मई में खजाना भरा
गर्मी की छुट्टी में यहां बड़ी संख्या में देश भर से श्रद्धालु पहुंचे हैं। इस दौरान मंदिर को मिले दान से 27.77 करोड़ की आय हुई है। मंदिर समिति के अनुसार इस दान में दान पेटी में मिला दान, भस्म आरती अनुमति, गर्भगृह दर्शन, शीघ्र दर्शन में मिला दान शामिल है। हालांकि आय बढ़ने के साथ-साथ मंदिर पर होने वाला खर्च भी दोगुना हो गया है। पहले मंदिर पर होने वाला खर्च 2.5 करोड़ रुपए होता था, यह अब 5 करोड़ महीने से ज्यादा हो गया है।
अप्रैल में करीब 4 गुना बढ़ा दान
अप्रैल 2022 में मंदिर समिति को 3.20 करोड़ रुपए दान में मिले थे। वहीं, अप्रैल 2023 में मंदिर समिति को शीघ्र दर्शन टिकट, गर्भगृह में प्रवेश और भस्म आरती अनुमति शुल्क से 14.26 करोड़ की आय हुई है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि सुविधाएं ऑनलाइन होने से भी लोगों को फायदा मिला है। पहले लोगों को भस्मआरती में शामिल होने के लिए लाइन में लग कर टिकट लेना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा ऑनलाइन है। इसके बाद मंदिर प्रशासन अन्य सुविधाएं ऑनलाइन करने के बारे में सोच रहा है।
कोई भी सुविधा फ्री नहीं मिलेगी
मंदिर प्रशासन का कहना है कि पहले कई बार लोग बिना शुल्क राशि चुकाए मंदिर में सुविधाओं का फायदा ले लेते थे, लेकिन अब यह बंद हो चुका है। इसका सीधा असर मंदिर की आय पर दिख रहा है। आंकड़ों के अनुसार रोज करीब 12 हजार श्रद्धालु गर्भगृह में जा कर भगवान के दर्शन और पूजा करते हैं।
महाकाल लोक बनने के बाद खर्च भी बढ़ा
श्री महाकाल लोक का बनने से पहले मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था। अब यह 47 हेक्टेयर हो गया है। इसके कारण मंदिर का खर्च भी बढ़ गया है। पहले यह 2.5 करोड़ होता था जो अब 5 करोड़ रुपए महीना हो गया है। त्योहारों के महीनों में यह 6 करोड़ तक पहुंच सकता है।