Bhopal. अपनी पूरी ताकत के साथ गुजरात के तट से टकराया बिपरजॉय तूफान अब राजस्थान तक पहुंच चुका है। हालांकि तूफान की रफ्तार घटकर 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रह गई है, लेकिन तूफान के चलते राजस्थान के कई जिलों में मूसलाधार बारिश का दौर चल रहा है। माना जा रहा है कि रविवार तक मरुभूमि में यही आलम रहेगा, इसके बाद तूफानी बादल ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ-साथ बुंदेलखंड को भी तरबतर करके रख देंगे। मौसम विज्ञानी बता रहे हैं कि रत्नागिरी से लेकर श्रीहरिकोटा तक अटके मानसून को तूफान का साथ मिलने की संभावना है, जिसके बाद मध्यप्रदेश में मानसून की झड़ी लग सकती है।
मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश का मानना है कि अभी बिपरजॉय के चलते गुजरात, राजस्थान के बाद दिल्ली और उससे सटे इलाकों में बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। साथ ही प्री मानसून की यह बारिश मानसून को आगे बढ़ने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा है कि 23 जून के आसपास मानसून बंगाल की खाड़ी से विदर्भ-छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्यप्रदेश तक पहुंच सकता है।
- यह भी पढ़ें
यहां अटका है मानसून
बता दें कि वर्तमान में मानसून महाराष्ट्र के रत्नागिरी, कर्नाटक के कोप्पल, पश्चिम बंगाल के मालदा, बिहार के फारबिसगंज और आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा में अटका हुआ है। वहीं तूफान के चलते बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र इसे आगे बढ़ने में मददगार साबित हो सकता है। बिपरजॉय के चलते उत्तर पूर्वी मध्यप्रदेश में बारिश की संभावना है।
19 से 21 तक तरबतर होंगे चंबल-बुंदेलखंड
मौसम विज्ञानियों की मानें तो तूफान का असर 19 जून से ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में दिखाई देने लगेगा। इस दौरान मूसलाधार बारिश की झड़ी लग सकती है। वहीं 21 जून के बाद कम दबाव का क्षेत्र भोपाल समेत प्रदेश के अन्य जिलों में अच्छी बारिश करा सकता है।
बॉर्डर से 5 हजार लोगों को निकाला
बाड़मेर कलेक्टर अरुण पुरोहित ने बताया कि पाकिस्तान बॉर्डर से सटे पांच गांव बाखासर, सेड़वा चौहटन, रामसर, धोरीमना गांव के 5 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इधर, जैसलमेर के डाबला गांव से 100 परिवारों के 450 लोगों को शिफ्ट किया गया है। नरेगा के काम और महंगाई राहत शिविर रुकवा दिए गए हैं।