Balaghat. मध्यप्रदेश आदिवासी समाज की बहुलता वाला प्रदेश है, प्रदेश में भील, गोंड, बैगा और सहरिया जनजाति के लोग बड़ी संख्या में मौजूद हैं। खासकर बालाघाट में आदिवासियों की बहुलता है। आदिवासी संस्कृति और परंपरा से परिपूर्ण यहां के 3 लोक कलाकारों को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्म द्वारा 11 जून को सम्मानित किया जायेगा। इसे लेकर नागा बैगा, नागा बैगिन, बैगा समाज संगठन ने तीनों ही लोक कलाकारों को बधाई दी है। साथ में पारंपरिक बैगा संस्कृति और सभ्यता के तहत तीनों ही कलाकरों को दिल्ली के लिए रवाना किया गया। इस मौके पर बैगा समाज संगठन के अध्यक्ष साधुराम झुमाड़िया सहित उपाध्यक्ष और समस्त पदाधिकारी मौजूद थे।
बताया जाता है कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित कलाकार सम्मान कार्यक्रम के तहत आदिवासी अंचल के समनापुर निवासी करमा गायिका गोमती तेकाम, गढ़ी के हीरापुर निवासी राजिन मरावी एवं लगमा निवासी मांदर कलाकार छन्नू सिंह मरकाम को राष्ट्रपति के हाथो सम्मानित किये जाने के लिए चयनित किया गया है। इसी के तहत महामहिम राष्ट्रपति कार्यालय से प्राप्त सूचना के आधार पर तीनों ही लोक कलाकार दिल्ली के लिए रवाना हो गये है। जहां पर उनके द्वारा बैगा समाज की संस्कृति, रिति रिवाज, परंपरा, खानपान, वेशभूषा परिवेश के बारे में राष्ट्रपति मुर्मु को जानकारी दी जाएगी।
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बता दंे कि बैगा प्रधानी नृत्य बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य हैं। जिसमें मांदर की थाप पर करमा गीतों के साथ सिर में कलगी सजाकर विभिन्न प्रकार के मुखौटे में कलाकार प्रदर्शन करते हैं। बैगा समाज संगठन ने कहा कि यह कार्यक्रम जिले के समस्त बैगा समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। बैगा समाज की अनूठी संस्कृति और सभ्यता ही उनकी मूल पहचान हैं। इसी के चलते उन्हें राष्ट्रपति से सम्मान के लिए आमंत्रित किया गया हैं। संगठन ने तीनों ही लोक कलाकारों को पारंपरिक वेशभूषा में दिल्ली के रवाना करते हुए मंगलमय यात्रा के लिए बधाई दी।
तीजनबाई से लेकर अनेक कलाकारों ने छोड़ी अमिट छाप
आदिवासी लोक कलाकारों में तीजन बाई का नाम बड़े ही अदब से लिया जाता है। पांडवानी शैली की गायिका तीजन बाई ने देश-विदेशों में अपनी कला को पहचान दिलाई थी। ऐसे ही लोक कलाकारों को प्रोत्साहन देने सरकार ने लोक कलाकारों को चिन्हित कर उन्हें सम्मानित करने की योजना बनाई जिसके तहत इस बार बालाघाट जिले के 3 कलाकार सम्मानित होने जा रहे हैं।