मनीष गोधा, JAIPUR. मिजोरम के आइजोल में 1966 में भारतीय सेना ने बम गिराए थे जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के विवादित ट्वीट पर ट्विटर वार गुरुवार को भी जारी रहा।
सीएम गहलोत ने पायलट के समर्थन में किया ट्वीट
इस मामले में एक महत्वपूर्ण डेवलपमेंट यह था की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट के समर्थन में बुधवार 16 अगस्त की रात एक ट्वीट किया था। अमित मालवीय की ओर से किए गए ट्वीट पर पलटवार करते हुए लिखा था कि कांग्रेस नेता राजेश पायलट भारतीय वायुसेना के वीर पायलट थे। उनका अपमान करके बीजेपी भारतीय वायुसेना के बलिदान का अपमान कर रही है। इसकी पूरे देश को निंदा करनी चाहिए। गहलोत के इस ट्वीट के बाद अमित मालवीय ने ट्वीट पर जवाब दिया है और गहलोत और सचिन पायलट के बीच चली खींचतान को इसमें घसीट लिया है।
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अमित मालवीय ने सीएम के ट्वीट पर दी प्रतिक्रिया
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में राजेश पायलट को लेकर कही गई बातों को फिर से दोहराया और इसके साथ ही अखबार की पुरानी खबरों को बतौर साक्ष्य पेश किया। मालवीय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि चलिए आपको 'राजेश पायलट जी' के सम्मान की चिंता तो हुई! लेकिन अगर आप सच में उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते तो उनके बेटे सचिन पायलट को अपने मंत्रीमंडल से बेइज्जत करके बर्खास्त नहीं करते और न ही सार्वजनिक रूप से उनके लिए अमर्यादित निकम्मा, नकारा, कोरोना और गद्दार जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते। हर बार जब आपने सचिन पायलट का अपमान किया, तब-तब क्या आपको 'राजेश पायलट जी' के सम्मान की चिंता नहीं हुई?
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आज तक क्यों नहीं किया इस खबर का खंडन
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा कि 1966 में मिजोरम में इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय वायु सेना की ओर से किए गए हवाई हमले में राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी के नाम 2011 में इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में तत्कालीन असम विधानसभा की कार्यवाही में सांसद जीजी स्वेल और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डेंगहुआना का हवाला देते हुए प्रकाशित हुए थे। उसके बाद लगातार मीडिया में ये खबर आती रही। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और सचिन पायलट मंत्री थे, लेकिन इस खबर का कभी खंडन नहीं किया गया। वैसे, राजस्थान से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला की महिलाओं और बेटियों के लिए इस्तेमाल की गई घटिया भाषा के बारे में आपका क्या कहना है?