संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को मार्तंड चौक, रामबाग इंदौर राजश्री नर्सिंग होम को सील कर दिया। जांच टीम ने मौके पर जो देखा और रिपोर्ट बनाई इसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण की भी खामी सामने आई, यह अस्पताल 31 मार्च से ही बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है। इसका रजिस्ट्रेशन इसके बाद नवीनीकृत ही नहीं हुआ। वहीं जांच कमेटी ने देखा कि ऑपरेशन थिएटर में जंग लगे उपकरण रखे हुए हैं, अस्पताल में एक्सपायर्ड दवाएं रखी हुई है, यहां बीयूएमएस यानि यूनानी डॉक्टर डॉ. शिखा मावी एलोपैथी का उपचार कर रही है। इन सभी के बाद कमेटी ने अस्पताल को सील कर दिया।
कमेटी ने बताया ओटी बॉय भी ट्रेंड नहीं
कमेटी को अस्पताल में एक भी एमबीबीएस डिग्रीधारी डॉक्टर नहीं मिला। स्टॉफ भी प्रशिक्षित नहीं पाया गया। मौके पर ओटी बॉय टीकाराम कुशवाह मिला जो ट्रेंड नहीं था बस वह ग्राम स्वास्थ्य रक्षक से प्रशिक्षित था। संचालक डॉ. देवेंद्र भार्गव विजयनगर में रहते हैं। वह वहां नहीं पाए गए। अस्पताल में केवल दो मरीज भर्ती पाए गए, जिनका उपचार युनानी डॉक्टर शिखा मावी ही कर रही थी।
यह भी पाई गई खामियां
अस्पताल में चारों तरफ गंदगी थी, सफाई नाम की कोई चीज नहीं पाई गई। बॉयो मेडिकल वेस्ट का भी प्रबंधन नहीं था। कमेटी में तहसीलदार नीरज प्रजापत, जिला स्वास्थय अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गाडरिया, झोनल चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशुतोष शर्मा, डॉ. कुलदीप वर्मा मौजूद थे।
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इसलिए कराई गई जांच
हाल ही में छात्र अमित पिता रिंकू सेन (17) निवासी ईडब्ल्यूएस शांग्रीला टाउनशिप, तलावली चांदा की मौत में परिजन ने जमकर हंगामा किया था। सड़क हादसे में घायल अमित को जब ऑपरेशन थिएटर में ले जा रहे थे तो उसने पिता से कहा था कि पापा आप चिंता मत करो, मैं ठीक हूं। कुछ देर बाद डॉक्टरों ने बाहर आकर बताया कि उसकी हालत गंभीर है और फिर उसकी मौत हो गई थी। परिजन ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऑपरेशन से पहले अमित को बेहोश करने के लिए अधिक मात्रा में एनस्थिसिया दे दिया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। अमित इकलौता बेटा था। मामले में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा ने डॉ. पूर्णिमा गडरिया के नेतृत्व में 5 सदस्यीय जांच समिति बनाई थी। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर के निर्देश पर और समिति की रिपोर्ट के आधार पर शाम को अस्पताल को सील किया गया।