संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में यूनिफार्म सिविल कोड का भी मुद्दा उठा। बैठक में कहा गया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड सिर्फ मुसलमानों का मसला नहीं है, ये सारे मुल्क का मसला है। लिहाजा सब को साथ मिलकर लड़ना होगा।” यह बात ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास ने कही। उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठक में सुप्रीम कोर्ट में जो केस चल रहे हैं उन्हें पूरी ताकत के साथ लड़ा जाए, किस तरीके से हल किया जाए, इस पर चर्चा हुई साथ ही। समाज में लोगों की बेहतरी के लिए क्या कुछ हो सकता है। इस संबंध में बात की गई।
बैठक में देश भर के मुस्लिम सदस्य आए
इंदौर के पास ग्राम बंजारी स्थित मदरसा जामिया इस्लामिया बंजारी मदरसा चौपाटी पीथमपुर में दो दिन 3 और 4 जून को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 28वें इजलास (अधिवेशन) में देश भर के लगभग 150 मुस्लिम सदस्य शामिल हुए। जिसमें एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी, मौलाना तौकीर रजा, आरिफ मसूद शामिल थे।
रहमानी को चुना गया पांचवा अध्यक्ष
बैठक में सर्वसम्मति इस्लामी विद्वान, विचारक और बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी को 5वां अध्यक्ष चुना गया। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना एस मोहम्मद की आकस्मिक मृत्यु के बाद से अध्यक्ष का पद रिक्त था। उपाध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी (अमीर ए जमात ए इस्लामी हिंद), डॉ. सैयद शाह खुसरो, गुलगरबा (सज्जादा नशीन, दरगाह गुलबर्गा शरीफ, महासचिव मौलाना मो. फजलुर रहीम मुजद्देदी, प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास को नियुक्त किया गया। जामिया इस्लामिया बंजारी मदरसा के प्रिंसिपल मौलाना तसव्वुर ने बताया कि बैठक में अध्यक्ष का चयन निर्विरोध हुआ। करीब 125-150 सदस्य शामिल हुए, जिसमें 20 से 25 महिला सदस्य थी। उड़ीसा ट्रेन हादसे में जख्मी और मरने वालों के लिए दुआ की गई। समाज सुधार के मुद्दों पर भी बैठक में चर्चा हुई।
यह खबर भी पढ़ें
ओवैसी ने मीडिया से नहीं की बात
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए। वे शनिवार को इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया को बात करने से मना कर दिया और इसके बाद भी वह मीडिया से दूर ही रहे। पुलिस प्रशासन ने लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की संभावना के मद्देनजर आयोजन की अनुमति पहले निरस्त कर दी थी। मौलाना अरशद मदनी भी बैठक में शामिल होने वाले थे, लेकिन विवादास्पद बयान से उपजे विवाद के कारण वे नहीं आए साथ ही सूत्रों के मुताबिक ओवैसी को भी स्पष्ट हिदायत दी गई कि वे कोई भी बयान नहीं देंगे। आयोजकों ने ये मैसेज ओवैसी के इंदौर आने के पहले ही उन तक पहुंचा दिया था।