ग्वालियर में ‘‘द सूत्र’’ के खुलासे के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय ने कॉलेज की संबद्धता के मामले में जांच समिति गठित की

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Jitendra Shrivastava
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ग्वालियर में ‘‘द सूत्र’’ के खुलासे के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय ने कॉलेज की संबद्धता के मामले में जांच समिति गठित की

जितेंद्र सिंह, GWALIOR.  जीवाजी विश्वविद्यालय ने मुरैना के झुंडपुरा स्थित शिव शक्ति कॉलेज की संबद्धता मामले में जांच समिति गठित कर दी है। ‘‘द सूत्र’’ ने जीवाजी विश्वविद्यालय में संबद्धता घोटाले का खुलासा किया था, जिसमें बताया था कि विश्वविद्यालय के जिम्मेदार पिछले 11 साल से प्रतिवर्ष उस कॉलेज का निरीक्षण कर संबद्धता जारी करने की अनुशंसा करते आ रहे हैं, जिसका वास्तविकता में कोई अस्तित्व ही नहीं है। जांच समिति कॉलेज की संबद्धता मामले में अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगी। 



समिति में अतिरिक्त संचालक और प्रोफेसर शामिल



जीवाजी विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष मुरैना के झुंडपुरा में स्थित शिव शक्ति कॉलेज की संबद्धता जारी करने के लिए निरीक्षण समिति गठित करता था, जिसमें प्रतिवर्ष कम से कम तीन प्रोफेसर शामिल किए जाते थे। निरीक्षण समिति कभी मुरैना के झुंडपुरा कॉलेज का निरीक्षण करने नहीं गई, लेकिन घर बैठे कॉलेज की संबंद्धता जारी करने की अनुशंसा कर देती थी। पिछले 11 साल में 33 प्रोफेसर कॉलेज की संबद्धता जारी करने की अनुशंसा कर चुके हैं। संबद्धता घोटाला भी तब खुला जब ‘‘द सूत्र’’ की टीम ने झुंडपुरा जाकर कॉलेज को खोजा और वो मिला ही नहीं। अब अपनी नाक बचाने के लिए विश्वविद्यालय ने आनन-फानन में अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा और दो प्रोफेसर की एक समिति गठित की है जो आरोपों की जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।



घर बैठे संबद्धता मामले में कुलपति भी दोषी



‘‘द सूत्र’’ ने शिव शक्ति कॉलेज झुंडपुरा के अस्तित्व और जीवाजी विश्वविद्यालय की संबद्धता घोटाले का खुलासा किया तो कुलपति ने रिकॉर्ड तलब कर लिया। जीवाजी विश्वविद्यालय को पाक-साफ दर्शाने के लिए जांच समिति भी बना दी। पर क्या कुलपति कॉलेजों का निरीक्षण किए बिना घर बैठे संबद्धता की अनुशंसा करने की जिम्मेदारी खुद लेंगे, क्योंकि जिस कॉलेज पर उंगली उठी है उस कॉलेज की निरीक्षण समिति में एक बार खुद कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी भी शामिल रह चुके हैं। वहीं, कॉलेज में चर्चा है कि क्या उन 33 प्रोफेसर पर भी कार्यवाही होगी जो पिछले 11 साल में निरीक्षण समिति में शामिल रहे हैं। 



सवाल एक कॉलेज का नहीं, तालाब ही गंदा



जीवाजी विश्वविद्यालय एक कॉलेज का नाम सामने के बाद अपने आप को ईमानदार दिखाने के चक्कर में जांच समिति बनाकर कार्रवाई करने की बात कर रही है, जबकि जिम्मेदार खुद वाकिफ है कि ‘‘शिव शक्ति कॉलेज’’ एक अकेला नहीं है। जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध आधे से ज्यादा निजी कॉलेज की संबद्धता में घोटाला हुआ है। किसी कॉलेज का भवन नहीं है। कोई नियम पूरे नहीं करता। एक प्रोफेसर का नाम कई कॉलेज अपने प्राचार्य और शिक्षक के तौर पर उपयोग कर रहे हैं। निरीक्षण समिति कभी कॉलेजों का निरीक्षण करने जाती नहीं है। कहीं जाती भी है तो आंख बंद करके। यह कहना गलत नहीं होगा कि जीवाजी विश्वविद्यालय को शिक्षा माफिया चला रहे हैं।



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जांच समिति की रिपोर्ट आने पर कार्रवाई



जीवाजी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विमलेंद्र सिंह ने बताया कि कुलपति ने मामला संज्ञान में आने के बाद अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी है। समिति को वर्ष 2011 से वर्तमान तक का समस्त रिकॉर्ड की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।


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