उत्तर प्रदेश के मथुरा ( Mathura ) में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कुट्टू के आटे ( Buckwheat Flour ) से बनी पूड़ी-पकौड़ी खाने के बाद 250 से अधिक लोग बीमार हो गए थे जिन्हें अस्पताल में भार्ती करवाया गया था। अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। घटना के बाद एफएसडीए ( Food Safety And Drug Administration ) ने कुट्टू के आटे के सैंपल जांच के लिए आगरा भेजे थे। जांच में पाया गया है कि आटे में जानवरों का मलमूत्र मिला हुआ था और इसी आटे से बने व्यंजनों को खाकर लोग बीमार हुए थे।
आटे में चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों का मिला मल-मूत्र
आगरा स्थित राजकीय खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला में हुई जांच के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने खुलासा किया है कि कुट्टू के आटे में चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों का मल-मूत्र पाया गया है। आशंका जताई जा रही है कि आटे की पिसाई के दौरान कुट्टू को ठीक से साफ नहीं किया गया था, जिसके कारण यह मल-मूत्र भी उसमें पिस गया।
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रख- रखाव में हुई लापरवाही
आटे के रखरखाव में लापरवाही के आरोप में मथुरा जिले के 5 खाद्य कारोबारी और विक्रेताओं को नोटिस जारी किए गए हैं। मामले की जानकारी देते हुए खाद्य सहायक आयुक्त ने बताया कि खाद्य कारोबारी व विक्रेताओं के कुट्टू के आटा का ठीक से रखरखाव न करने के कारण वो और ज्यादा दूषित हो गया था।
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खाद्य सहायक आयुक्त ने दी चेतावनी
मामले में खाद्य सहायक आयुक्त ने जिले के खाद्य कारोबारी व विक्रेताओं को चेतावनी दी है। खाद्य सहायक आयुक्त का कहना है कि जिले में कोई भी दुकानदार खुले में आटे की बिक्री करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जिन दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है, वह कुट्टू का आटा नहीं बेचेंगे। उन्होंने कहा कि आदेश का पालन न होने पर संबंधित धाराओं में दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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