यूपी BJP में खींचतान के बीच प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी बोले- CM बदलने की चर्चा गलत

उत्तरप्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा गलत है। प्रदेश चीफ भूपेंद्र चौधरी का ये बयान पार्टी में लंबे समय से चल रही खींचतान के बीच आया है। उन्होंने कहा कि हम अनुशासन से आगे बढ़ रहे हैं...

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Jitendra Shrivastava
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उत्तरप्रदेश बीजेपी के पिछले कई दिनों से या यूं कहें कि लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित परिणाम आने के बाद से देश भर में चर्चे हैं। ऐसे में पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप के बीच यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का बयान आया है। चौधरी ने कहा कि बीजेपी एक लोकतांत्रिक दल है, यहां सब को अपनी बात लोकतांत्रिक तरीके से रखने का अधिकार है। हम अनुशासन से आगे बढ़ रहे है। हम मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में नतीजे हमारे उम्मीद के हिसाब से नहीं आए, लेकिन हम कमियों पर काम कर रहे हैं। इसके बाद भूपेंद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कहा कि सीएम बदलने की चर्चा गलत है।

यूपी की जनता का बीजेपी को आशीर्वाद मिलेगा

दरअसल, यूपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एक दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचे थे। यूपी बीजेपी चीफ ने मीडिया से चर्चा में पार्टी में चल रहे अंतर्कलह का खंडन किया है। जयपुर बीजेपी मुख्यालय में भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में परिणाम अपेक्षा के अनुसार नहीं आए। उत्तर प्रदेश की राजनीति में क्या चल रहा है? पिछले कुछ दिनों से एक ही सवाल सियासी गलियारों में तैर रहा है। बयानबाजी, मुलाकातें और अंदरखाने में लगातार चल रही बैठकों की खबरों ने यूपी के माहौल को गरमाकर रखा है। भूपेंद्र चौधरी ने यूपी उपचुनाव को लेकर कहा कि संगठन मजबूत स्थिति में है और उपचुनाव के लिए तैयार है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता संगठन की रचना पूरी कर पूरी तैयारी के साथ चुनाव में उतरेगी और हमें पूरा विश्वास है कि उत्तर प्रदेश की जनता का बीजेपी को आशीर्वाद मिलेगा। वहीं दुकानों के बाहर दुकान मालिक और कर्मचारियों के नाम लिखने के बवाल पर उन्होंने विपक्ष के आरोपों का पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, जबकि खाद्य सुरक्षा अधिनियम में नाम लिखने का अधिकार है, लेकिन लंबे समय से इसे लागू नहीं किया गया था। अब बड़ी संख्या में लोग हरिद्वार से कावड़ लेकर निकलते हैं, तो यह उनकी सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है, लेकिन कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसकी पालना करते हुए हम आगे बढ़ेंगे।

बैठकों की लगातार उपेक्षा कर रहे दोनों डिप्टी सीएम

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से सीएम योगी लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं। मंडल के सभी विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को बुलाया जा रहा है। वाराणसी को छोड़कर सभी मंडलों की बैठक हो चुकी है। आज सुबह 11:30 बजे लखनऊ मंडल की बैठक रखी गई है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज की समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मुरादाबाद मंडल की बैठक से दूर रहे। अब लखनऊ मंडल की समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी शामिल नहीं हो रहे हैं। दोनों डिप्टी सीएम अभी तक किसी भी समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। समीक्षा बैठक में जो जनप्रतिनिधि शामिल नहीं हो सके, उन्होंने अलग से मुख्यमंत्री से मुलाकात की। समीक्षा बैठकों में कुछ विधायकों ने अधिकारियों और अफसरों के कामकाज को लेकर शिकायतें कीं, लेकिन ज्यादातर लोगों ने चुप्पी साधे रखी। माना जा रहा है कि 10 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। 

यूपी में अफसरशाही हावी होने के आरोप

दरअसल, समीक्षा बैठकों में अफसरों के कामकाज को लेकर ज्यादा शिकायतें आईं। बीजेपी नेताओं और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि राज्य में अफसरशाही हावी है। सुनवाई नहीं होने से बूथ से लेकर जिला संगठन तक कार्यकर्ताओं में नाराजगी और निराशा है। यही वजह है कि सीएम योगी ने प्रत्येक मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई और उनसे विकास को लेकर चर्चा की गई। सहयोगी दलों के बड़े नेता भी अफसरशाही की शिकायत कर रहे हैं। हालांकि, ज्यादातर मंडलों की समीक्षा मीटिंग में आगे के रोडमैप पर ज्यादा जोर दिया गया है। 

शक्ति प्रदर्शन है या नाराजगी कम करने की कोशिश

मुख्यमंत्री विधायकों, मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर लगातार यह मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर बेलगाम अफसरशाही से कोई नाराजगी है तो वो उसे दूर करने के लिए जो कदम आगे बढ़ाने को तैयार हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के ओबीसी विधायकों के इन दिनों चेहरे खिले हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि अब बीजेपी में सुनवाई के कई खेमे बन गए हैं। कुछ लोग केशव मौर्य से मिलकर अपनी पीड़ा और अपना दर्द बता रहे हैं तो कुछ सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी बात कह रहे हैं। हाल के दिनों में सैयद राजा से विधायक सुशील सिंह, बुलंदशहर से प्रदीप चौधरी और नंदकिशोर गुर्जर ने अफसरशाही के खिलाफ खुलकर बयान दिया। मुरादाबाद मंडल की बैठक में शामिल होने आए नंदकिशोर गुर्जर ने बेलगाम अफसरशाही पर निशाना साधा और इशारों में यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री अगर इसका सबूत मांगते हैं तो सबूत कहां से लाएं... हमारी बात ही सबूत है।

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