संजय गुप्ता, INDORE. उज्जैन में महाकाल लोक के बाद लगातार भक्तों की संख्या बढ़ रही है और उज्जैन आने-जाने वालों के लिए इंदौर मुख्य केंद्र रहता है। वहीं सिंहस्थ को भी देखते हुए इंदौर-उज्जैन कनेक्टिविटी पर जोर दिया जा रहा है। अब सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस संबंध में चर्चा हुई और उन्होंने इंदौर-उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन की मंजूरी दी है।
सांसद ने ये बताया
सांसद शंकर लालवानी ने इस बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर अनुरोध किया जिस पर रेल मंत्री ने तुरंत ही सहमति दे दी और आने वाले समय में इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो वंदे ट्रेन शुरू होगी। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन की सौगात के बाद इंदौर-उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन मिलना इंदौर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इससे दोनों शहरों के बीच आने-जाने वाले कर्मचारी छात्रों और आम नागरिक को सहूलियत होगी। साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ के आयोजन को ध्यान में रखकर ये ट्रेन यातायात के दबाव को कम करने में इस ट्रेन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
वंदे मेट्रो में ये हैं खास बातें
- वंदे मेट्रो 100 किलोमीटर से कम दूरी वाले शहरों के बीच चलेगी।
- ये वंदे भारत एक्सप्रेस का कम दूरी का वर्जन है।
- ये ट्रेनें एक रूट पर दिन में 4 से 5 बार चलेंगी।
- ये ट्रेन यात्रियों को रैपिड शटल जैसा अनुभव प्रदान करेगी।
- इस ट्रेन में मेट्रो की तरह ही 8 कोच होंगे। सामान्य वंदे भारत ट्रेनों में 16 कोच होते हैं।
जॉबपर्सन और स्टूडेंट्स को होगा फायदा
- वंदे मेट्रो ट्रेन से जॉब करने वाले लोग और स्टूडेंट्स कम समय में एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा कर पाएंगे। वे वर्ल्ड क्लास परिवहन सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
- इंदौर-भोपाल वंदे भारत ट्रेन नागपुर तक बढ़ने से 84 फीसदी भरने लगी
अभी तक इंदौर-भोपाल ट्रेन खाली जाने से परेशान रेल विभाग को राहत मिली है। नागपुर तक इसे बढ़ाए जाने के बाद यात्रियों की मांग बढ़ गई है। इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन नवंबर में बुकिंग के लिहाज से काफी अच्छी रही। ट्रेन में आने-जाने में 24 हजार 493 यात्रियों ने सफर किया। दिसंबर के पहले हफ्ते में भी ट्रेन में सभी सीटें फुल रहीं। आगे भी ट्रेन में वेटिंग लगी है। नागपुर से अब आगे यात्रियों को साउथ के लिए भी कनेक्टिविटी आसानी से मिल रही है।
वंदे भारत में जुड़ेंगे स्लीपर कोच
8 अक्टूबर को रेलवे ने नोटिफिकेशन जारी किया और 9 अक्टूबर से ट्रेन इंदौर से नागपुर तक चलना शुरू हुई। ट्रेन के विस्तार के बाद से पहले ही दिन से यात्री संख्या बढ़ना शुरू हुई। अक्टूबर में ट्रेन में शुरुआती सप्ताह में 75 फीसदी और उसके बाद 84 फीसदी सीटें फुल रही थीं। लगातार बढ़ रही यात्री संख्या के बाद इसे रविवार को चलाने की मांग की गई है। आने वाले समय में रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में स्लीपर के कोच भी जोड़ेगा। ऐसे में इंदौर-भोपाल ट्रेन में भी स्लीपर के कोच जोड़े जा सकते हैं।
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अब तक कितने यात्रियों ने किया सफर
- इंदौर-नागपुर ट्रेन - 12 हजार 393 यात्री
- नागपुर-इंदौर ट्रेन - 12 हजार 100 यात्री
इंदौर-भोपाल के बीच 75 फीसदी तक सीटें खाली थीं
पहले वंदे भारत का संचालन इंदौर-भोपाल के बीच होता था, तब महज 20-25 फीसदी सीटें ही फुल जा रही थीं। कारण ये था कि किराया ज्यादा था और इस ट्रेन से 10 मिनट के अंतराल में ही भोपाल के लिए इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन उपलब्ध है।