Harda. हरदा प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का क्षेत्र है, उनके क्षेत्र के आदमपुर गांव से ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी जारी की है। गोया कि कमल पटेल अपने क्षेत्र ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश में विकास की गंगा बहने के दावे करते हों लेकिन उनके क्षेत्र के आदमपुर गांव के लोग बारिश के दौर में सड़कें बह जाने से परेशान हैं। गांव से लगे हुए 3 रास्ते हैं लेकिन तीनों की हालत इतनी खराब है कि इन पर चलने वालों की हड्डियां भी कीर्तन करने लग जाती हैं। परेशान ग्रामीणों ने जनसहयोग से रास्ते पर मुरम डालकर थोड़ा बहुत सुधार तो कर लिया है, लेकिन इस परेशानी से लंबे समय से जूझने के बाद अब ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दे डाली है।
लोकसभा चुनाव तक नहीं डालेंगे वोट
ग्रामीणों ने साफ कहा कि नेता चुनाव के वक्त आते हैं और वोट मांगकर चले जाते हैं, उसके बाद जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं होता। हंडिया से करकरा तक सड़क के हाल बेहाल हैं, बरसात में उफनाए नदी नालों ने इसे और भी जर्जर कर दिया है। गांव से गुजरने वाले तीन रास्तें हैं, तीनों के यही बदतर हाल हैं। चौथी सड़क पर नर्मदा जी आ जाती हैं। ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि जब तक रोड नहीं बन जाती न तो वे विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे और न ही लोकसभा चुनाव में।
पीडब्ल्यूडी ने भेजा प्रस्ताव पर स्वीकृत नहीं हुआ
सड़क निर्माण का दारोमदार संभालने वाले लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदारों से जब ग्रामीणों की इस समस्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आदमपुर की सड़क बनाने का 9 करोड़ रुपयों का प्रस्ताव शासन के पास भेजा है। उस पर स्वीकृति मिलना अभी बाकी है। स्वीकृति मिलते ही लोगों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी। लेकिन लोग हैं कि उनके लिए अब यह समस्या बर्दाश्त से बाहर हो चुकी है। ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि अब वे इस उपेक्षा को और बर्दाश्त नहीं करेंगे। फिलहाल सड़क पर मुरम डलवाकर वे अपना काम चला रहे हैं, सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो हम लोगों को भी सरकार से कोई मतलब नहीं।