भोपाल. एमपी की पांच राज्यसभा सीटों के लिए सोमवार को चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इनके लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। खाली हो रहीं इन पांच सीटों में से चार बीजेपी के पास हैं और एक सीट कांग्रेस के पास है। मौजूदा अंक गणित के हिसाब से कांग्रेस अपनी एक सीट बचा ले जाएगी, लेकिन आने वाले समय में उसे नुकसान का सामना करना पड़ेगा। विधानसभा चुनाव में सीटें कम होने का नुकसान कांग्रेस को राज्यसभा के लिए होने वाले चुनाव में उठाना पड़ेगा।
इनकी सीट हो रही खाली
बीजेपी की ओर से धर्मेंद्र प्रधान, कैलाश सोनी, अजय प्रताप सिंह और थावरचंद गेहलोत चुने गए थे। वहीं, कांग्रेस की ओर से राजमणि पटेल चुने गए थे। इन पांचों सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को खत्म होने जा रहा है। विधानसभा में संख्या के आधार पर ही 2018 में चार सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। वहीं, कांग्रेस एक पर जीत दर्ज कर सकी थी।
दिग्विजय और तन्खा में से एक ही जीत सकेगा
विधानसभा में वर्तमान में बीजेपी के पास 163 विधायक हैं, वहीं कांग्रेस के पास 66 विधायक हैं। एक आदिवासी पार्टी का विधायक है। अंक गणित देखा जाए तो वर्तमान में कांग्रेस अपनी एक सीट बचा लेगी, लेकिन आगे जब एक या दो सीट के लिए चुनाव होंगे तो कांग्रेस फाइट में नहीं रह पाएगी। जैसे की यदि वर्तमान की पांच सीटों में से कांग्रेस के पास दो होती तो, उसे निश्चित रूप से एक सीट का नुकसान होता और यदि कांग्रेस के एक ही सदस्य की सीट खाली हो रही होती तो उसे उस सीट से हाथ धोना पड़ता। यानी साफ है कि आने वाले समय में कांग्रेस को एमपी में राज्यसभा से नुकसान होना तय है। इसे ऐसे समझिए कि दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा की सीट एक साथ खाली होगी। ऐसे में इन दोनों में से एक को राज्यसभा की सीट छोड़नी पड़ेगी, क्योंकि दो सदस्यों को जिताने के लिए कांग्रेस के पास संख्या बल नहीं है।