BHOPAL. आठ साल का बेटा, तीन साल की बेटी और पति-पत्नी। छोटा सा खुशहाल परिवार, लेकिन एक छोटी सी गलती इस परिवार पर इतनी भारी पड़ी की सामूहिक खुदकुशी करनी पड़ी। बच्चों को जहर दिया और पति-पत्नी ने फांसी लगा ली। दरअसल, भोपाल का यह परिवार मार्केट में फैले लोन ऐप के जंजाल में फंस गया था। घर के मुखिया ने इस परेशानी से निकलने की काफी कोशिश की, लेकिन जब बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया। मरने से पहले इस परिवार ने 4 पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसे पढ़कर आप समझ जाएंगे कि लोन ऐप के चंगुल में फंसना कितना दर्दनाक और जानलेवा हो सकता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
रतलाम में पुलिया पर ब्रिज बनाने की मांग; बारिश में उफनती पुलिया से परेशान सरपंच ने पानी में बैठकर शुरू की भूख हड़ताल
RATLAM. सरपंच पति मुकेश पाटीदार की मांग है कि रतलाम खाचरोद मार्ग पर मलवासा की उफनती पुलिया के कारण ज्यादा चलने वाला यह मार्ग प्रभावित हो जाता है। इसकी वजह से दो-दो तीन-तीन तक लोगों की आवाजाही बंद रहती है यहां ब्रिज के निर्माण की मांग पर ग्राम हतनारा के सरपंच ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
इंदौर में पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को कोर्ट उठने तक खड़े रहने की सजा, 14 अन्य को भी सजा और दस हजार का जुर्माना
INDORE. इंदौर के पूर्व विधायक व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल को कोर्ट ने गुरुवार को कोर्ट उठने तक खड़े रहने की सजा सुनाई। उनके साथ 13 अन्य लोगों को भी सजा सुनाई गई और दस-दस हजार का अर्थदंड भी लगाया। इंदौर के तृतीय व्यवहार न्यायाधीश माननीय सुरेश यादव ने यह सजा उन्हें देपालपुर में बिना मंजूरी रैली निकालने के लिए सुनाईष न्यायालय ने ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने के लिए 30 दिन की मोहलत भी स्वीकृत की है। उन पर इस मामले में प्रतिबंधात्मक धारा 188 और 143 में केस दर्ज किया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
झाबुआ एसडीएम झा ने लिखी थी होस्टल की नेगेटिव रिपोर्ट, उन्हें आ रही षड़यंत्र की बू, एक घंटे में 3 होस्टलों का किया था निरीक्षण
INDORE. आदिवासी बच्चियों के होस्टल में दौरा करने के दौरान गलत हरकत करने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार और फिर बुधवार को जमानत पर रिहा हुए झाबुआ के एसडीएम सुनील कुमार झा को इस पूरे मामले में षड़यंत्र की बू आ रही है। उन्होंने 'द सूत्र' से चर्चा में कहा कि एसडीएम रहते हुए कई लोगों के काम आते हैं, कुछ कर पाते हैं और कई लोगों को मना भी करना होता है। किसने यह सब साजिश की, यह भी जांच का विषय है। पुलिस को इसकी भी जांच करना चाहिए। मेरा पक्ष तो किसी ने सुना ही नहीं और सीधे मंगलवार को एफआईआर की और गिरफ्तार कर लिया, कोर्ट ने मेरी बात सुनी और जमानत दी और आगे भी कोर्ट में अपनी बात रखूंगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...