Raipur. छत्तीसगढ़ में IAS रानू साहू को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। ED ने रानू साहू को गिरफ्तार कर राजधानी रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश किया है, जहां कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड ED को सौंप दी है। इसके बाद लगातार ये सवाल सामने आ रहे थे कि आखिर जब रानू साहू से पूछताछ ED कर रही थी तो क्या वजह है जिसके कारण IAS रानू साहू को गिरफ्तार किया गया। इसके जवाब में ED के पक्षकार वकील सौरभ पांडेय का कहना है कि रानू साहू हर सवाल पर डॉजिंग आंसर देती थीं, वे कहती थी कि वे नहीं जानती, उन्हे नहीं मालूम। जबकि सबूत कुछ और ही कहते हैं। इसलिए रानू साहू को गिरफ्तार किया गया है।
डॉजिंग आंसर के कारण हुए गिरफ्तारी
वकील सौरभ पांडेय का कहना है कि कोल लेवी स्कैम में उनका रोल होने की वजह से और जो इन्वेस्टिगेशन चल रहा है उसी के संदर्भ में रानू साहू को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ करने और बहुत सारे डेटा जो हमारे पास अवलेबल हैं, उसे कंफर्म कराने के लिए अरेस्ट किया गया है। जिसमें हमें कोर्ट से 3 दिन की रिमांड ग्रांट हुई है। इनसे पहले भी पूछताछ होती रही थी पूछताछ के दौरान इन्होंने हमेशा डॉजिंग आंसर दिए, हम आपसे सवाल पूछ रहे हैं आप आकर हमारे ऑफिस में बैठ जाइए। लेकिन हमें सवाल पूछना है आप उसके आंसर में कह रही हैं मुझे नहीं मालूम.. मुझे नहीं पता है.. मैं नहीं जानती.. तो डॉजिंग आंसर दिए गए और साथ ही जब डॉक्यूमेंट से कांफ्रेंटेशन कराना होगा या कुछ विटनेस से कांफ्रेंटेशन उसमें आप भाग नहीं लेंगे तो ऐसी स्थिति में उनके गिरफ्तारी की जरूरत पड़ी है।
रानू साहू की प्रॉपर्टी को तीन भागों में बांटा गया
वकील सौरभ पांडेय का कहना है कि रानू साहू की जो प्रॉपर्टी है उसे हमने तीन भागों में बांटा है। ए, बी और सी जिसमें से ए में ऐसी प्रॉपर्टी जिसको इन्होंने डर्टी मनी या प्रोसीड ऑफ क्राइम के तहत कमाए गए पैसों से लिया है और अपने रिश्तेदारों के लिए प्रॉपर्टी परचेज किया है। वहीं बी भाग में बेनामीदार संपंत्ति और तीसरा सी में जिसे हम कहते हैं ऑफ द वैल्यू ऑफ जो हमने जितना प्रोजेक्टेड किया है। प्रोसीड ऑफ क्राइम में वह हमें मूल रूप में नहीं दिखाई दे रहा है, तो जो हमारे पास दिख रही है उसे बकायदा मनी लांड्रिंग एक्ट तहत उस वैल्यू की दूसरी प्रॉपर्टी हम सीज कर सकते हैं।