संजय गुप्ता, INDORE. मप्र के डीजीपी सुधीर सक्सेना की आईपीएस बेटी सोनाक्षी सक्सेना के खिलाफ एक सीनियर महिला बैंक मैनेजर ने पुलिस कमिशनर मकरंद देउस्कर को लिखित शिकायत की है। उनके साथ ही विजयनगर टीआई रविंद्र गुर्जर, जांच अधिकारी बाबूलाल कुमरावत और केशव कुशवाह पर भी आरोप लगाए गए हैं। महिला के आरोप है कि इन्होंने आरोपियों से मिलकर उन्हें बचाने के लिए अगस्त 2018 में दर्ज हुए यौन उत्पीड़न केस में तीन साल छह माह बाद बिना फरियादी की जानकारी गुपचुप तरीके से खात्मा रिपोर्ट बना दी। इसमें पांच में से चार आरोपियों को केस से बाहर कर दिया और पांचवे आरोपी तत्कालीन असिस्टेंट जनरल मैनेजर पंकज दिवेदी के खिलाफ चालान पेश कर दिया, वह भी कमजोर, जिससे आखरी आरोपी भी बच जाए। पुलिस कमिशनर ने मामले को दिखवाने का आश्वासन महिला फरियादी को दिया है। उधर इस मामले में कोर्ट में चालान और जांच को लेकर आपत्ति लगा दी है। पांचवे आरोपी पंकज द्विवेदी पहले पंजाब एंड सिंध बैंक में असिस्टेंट जनरल मैनेजर पद पर थे और हाल ही में केंद्रीय वित्तमंत्रालय ने उन्हें पब्लिक सेक्टर बैंक के लिए एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पद के लिए पैनल में चयनित किया है।
150 करोड़ की बैंक गारंटी घोटाले से भी जुड़ा, पंजाब एंड सिंध बैंक के अधिकारी
यह मामला काफी हाईप्रोफाइल होकर पंजाब एंड सिंध बैंक राजबाडा शाखा में शराब ठेकेदारों को दी गई, 150 करोड़ की गलत बैंक गारंटी से भी जुडा हुआ है। बैंक में मैनेजर रहने के दौरान महिला ने इन घोटालों को उजागर किया था, जिसके बाद उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया गया। फरियादी महिला ने अगस्त 2018 में विजयनगर थाने में शिकायत में बताया था कि मेरे द्वारा अनियमितताएं उजागर करने पर बार-बार तत्कालीन असिस्टेंट जनरल मैनेजर पंकज द्विवेदी मुझे भोपाल बुलाते थे, गलत नियत से देखते थे। पंकज द्विवेदी ने एक वाट्सअप ग्रुप में जोड़ा, जिसमें अश्लील सामग्री आती थी, बार-बार लेफ्ट होने पर फिर जोडा जाता था, काम के नाम पर होटल में मिलने आने का दबाव बनाया जाता था। महिला की शिकायत पर पुलिस ने पंकज द्विवेदी के साथ ही इसमें बैंक के पदाधिकारियों फरीद अहमद, एससी क्वात्रा, जंयत नायक और वीके मेहरोत्रा को भी आईपीसी की धारा 354 क और 354 घ, 509 व 34 में आरोपी बनाया था।
24 दिसंबर को खात्मा प्रतिवेदन बनाया और आनन-फानन में सभी ने मंजूर किया
महिला का आरोप है कि इस केस को पहले तीन साल तक लटकाया गया और फिर अचानक से एक दिन अंतिम जांच प्रतिवेदन 24 दिसंबर 2022 को बनाया गया, लेकिन मुझसे इसमें 27 दिसंबर तक दस्तावेज मांगे गए। मुझे इस मामले में गवाह के नाम और पते 24 व 25 दिसंबर को ही लिए गए। सभी ने बयान वाट्सअप पर 26 व 27 दिसंबर को जांच अधिकारी केशव कुशवाह को भेजे। ऐसे में साफ है कि प्रतिवेदन तो पहले ही बन गया। जांच प्रतिवेदन बनाकर चार आरोपियों को बाहर करने की केस खात्मा रिपोर्ट 20 दिसंबर को एसीपी सोनाक्षी सक्सेना को भेजा गया और इसे डीसीपी जोन टू द्वारा दो दिन में ही मंजूर कर लिया गया और 24 दिसंबर 2012 को प्रतिवेदन मंजूर हो गया। कई दस्तावेज तो औपचारिक तौर पर 27 फरवरी 2023 तक मुझसे लिए गए। एक मार्च 2023 को यह कोर्ट में भी लग गया और फरियादी को इस मामले में कोई सूचना ही नहीं दी गई। मुझे थाने से लगातार यह बताया गया कि मामला चल रहा है, बाद में अचानक खबर आई कि चालान तो कोर्ट में पेश हो गया, जिसके बाद केस को लेकर आपत्ति लगाई गई है। बताया जा रहा है कि इस मामले में एक बड़े मीडिया हाउस से द्विवेदी के परिजनों के जुडे होने के चलते भी पुलिस पर लगातार दबाव बनाया गया था। इस सारे दबाव-प्रभाव के चलते मामले को धीरे-धीरे टाला गया और फिर एकदम से खात्मा रिपोर्ट बनाकर और चालान में कई तथ्य शामिल नहीं कर केस को कोर्ट में पेश किया गया।
सभी पुलिस अधिकारियों पर हो केस, आरोपियों के नाम जोड़े जाएं
महिला ने अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि कई जगह केस में जांच अधिकारी के रूप में बाबूलाल कुमरावत का नाम है लेकिन उनका ट्रासंफर तो काफी समय पहले ही थाने से हो गया था। इस पूरे मामले में पंकज द्विवेदी को बचाने के लिए पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट में मेरे द्वारा दायर याचिकाओं को और स्थानीय परिवाद समिति के आदेशों को छिपाया गया जिन्हें चालान का हिस्सा नहीं बनाया गया। महिला ने सभी को फिर से आरोपी बनाने, संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध कर सख्त कार्रवाई की जाए और दंडित किया जाए।
इधर पंकज द्विवेदी चालान के बाद भी केंद्रीय वित्तमंत्रालय की प्रमोशन लिस्ट में
उधर पंकज द्विवेदी पुलिस द्वारा यौन उत्पीडन केस में चालान पेश होने के बाद भी केंद्रीय वित्त मंत्रालय की वित्तीय सेवा संस्था ब्यूरो द्वारा सार्वजनिक क्रम के बैंकों में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पद के लिए पैनल में चयनति हो गए हैं। सूची में उनका नाम 14वें नंबर पर है, जबकि सूची में आने के लिए पहले सत्यापन रिपोर्ट भी बनती है। यह सूची 25 जुलाई को बनी है, जबकि उनके खिलाफ चालान ही एक मार्च को पेश हो चुका है। इसके खिलाफ भी महिला फरियादी ने आपत्ति लगा दी है।