RAIPUR. छत्तीसगढ़ बीजेपी की जिताऊ कैंडिडेट की रणनीति पर समाज का दबाव भारी पढ़ रहा है। प्रदेश में साहू, सिंधी और सिख समाज ने बीजेपी से अपने समाज के नेताओं को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की है, साथ ही ये भी कहा है कि अगर उसके समाज के नेताओं को प्रत्याशी बनाया जाता है तो ही पूरे छत्तीसगढ़ में उनके समाज के लोगों का वोट उसी पार्टी को मिलेगा। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने जातिगत राजनीति को बढ़ावा दिया है।
तीनों समाज के लोगों ने बीजेपी नेताओं से की मुलाकात
छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बीजेपी ने इस चुनाव में अपनी रणनीति बदल दी है। बीजेपी ने इस बार ने यह तय किया है कि जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन की बजाए केवल जीतने वाले कैंडिडेट को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा। पार्टी की पहली सूची में यह बात देखने को भी मिला, लेकिन सिंधी, साहू और सिख समाज ने पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपने समाज के लोगों को टिकट देने की मांग की, साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर बीजेपी उनके समाज के नेताओं को टिकट देती है तो ही प्रदेश में समाज के लोग पार्टी को अपना समर्थन देंगे।
किस सीट से किसने मांगा टिकट
सिंधी और सिख समाज के लोगों ने बीजेपी से रायपुर उत्तर विधानसभा से टिकट की मांग की है, वहीं साहू समाज ने रायपुर ग्रामीण और पश्चिम से उनके समाज के नेताओं को प्रत्याशी बनाने के लिए दबाव बनाया है। इसको लेकर सिंधी समाज का एक प्रतिनिधि मंडल पिछले दिनों बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा से मिला था।
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तीनों समाज से बीजेपी और कांग्रेस में दावेदार
बता दें कि रायपुर उत्तर से सिंधी समाज से बीजेपी से पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अमर परवानी, शदानी दरबार के उदय शादानी और कांग्रेस से अजीत कुकरेजा प्रमुख दावेदार है। इसी तरह रायपुर ग्रामीण से बीजेपी से मोतीलाल साहू, अमित साहू और ममता साहू मुख्य दावेदार हैं। वहीं सिख समाज की बात करें तो रायपुर से बीजेपी के पूर्व पार्षद सुरेंद्र छाबड़ा और अमरजीत सिंह छाबड़ा दावेदार हैं। सिख समाज ने अपने बाहुल्य वाले इलाके तखतपुर और कोटा से भी समाज के लोगों को टिकट देने की मांग की है। इस पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि टिकट मांगने का अधिकार हर किसी को है इसमें कोई बुराई नहीं है।
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मंत्री का कवासी लखमा ने बीजेपी पर कसा तंज
बीजेपी की इस रणनीति पर कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि बीजेपी हमेशा समाज और धर्म के नाम पर राजनीति की है। कवासी लखमा ने तंज कसते हुए कहा कि BJP ने राम भगवान को भी एजेंट बना दिया है। BJP टिकट में भी जातिवाद की राजनीति करती है। जाति और धर्म को राजनीति में नहीं लाना चाहिए। बीजेपी और कांग्रेस के नेता चाहे कितना भी बोले कि वे जीतने वाले को ही टिकट देंगे, मगर सच्चाई यह है कि जातिगत समीकरण का भी ख्याल रखना पड़ता है। क्योंकि किसी भी समाज को नाराज करना उन्हें भारी पड़ सकता है।