रिटायर्ड प्रिंसिपल मर्डर केस में NIA कोर्ट का फैसला, 2 आतंकियों को फांसी की सजा और जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला

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Vikram Jain
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रिटायर्ड प्रिंसिपल मर्डर केस में NIA कोर्ट का फैसला, 2 आतंकियों को फांसी की सजा और जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला

LUCKNOW. लखनऊ की NIA की विशेष अदालत ने रिटायर्ड प्रिंसिपल की हत्या के मामले में ISIS से जुड़े 2 आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने दोनों पर 15-15 लाख का जुर्माना भी लगाया है। 4 सितंबर 2023 को अदालत ने मामले में आतंकी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया था। दोनों आतंकियों ने पिस्टल चेक करने के लिए कानपुर के रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश बाबू शुक्ला को माथे पर तिलक और हाथ में कलावा देखकर गोलियों से भून डाला था। मामले में 24 अक्टूबर 2016 को चकेरी थाने में हत्या की FIR दर्ज हुई थी।

दोनों आतंकी की वर्चुअली पेशी, कोर्ट ने लगाया भारी जुर्माना

गुरुवार (14 सितंबर) को रमेश बाबू की हत्या के मामले में दोनों आतंकी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल की वर्चुअली पेशी हुई। न्यायाधीश दिनेश चंद्र मिश्रा की कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई, साथ ही पर 15-15 लाख का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने जुर्माने की सारी रकम रमेश बाबू के आश्रितों को देने का आदेश दिया है। सरकारी वकील बृजेश कुमार यादव ने बताया कि तीन अलग-अलग धाराओं 302 में फांसी, 120बी में फांसी, 16 UAPA में फांसी और चौथे 18 UAPA में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

कलावा और माथे पर तिलक देखकर की थी हत्या

NIA (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) के विशेष वकील कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि मैंने मृत्यु दंड देने की मांग करते हुए कोर्ट में कहा कि इन दोनों ने एक निर्दोष अध्यापक की केवल उनके हाथ में बंधे कलावा और माथे पर तिलक देखकर हत्या की थी। जहां अच्छा इंसान बनने की शिक्षा दी जाती है, वहां जिहाद पर चर्चा का माहौल बनाया। इनका अपराध रेयर व रेयरेसट की श्रेणी में आता है। इसके आधार पर कोर्ट ने मृत्युदंड दिया।

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क्या है पूरा मामला

बता दें कि ISIS से जुड़े दोनों आतंकी लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में मारे गए ISIS आतंकी सैफुल्लाह के साथी हैं। सैफुल्लाह को मार्च 2017 में एक एनकाउंटर में ढेर किया गया था। दोनों आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल ने कानपुर के चकेरी इलाके में साइकिल से घर जा रहे रमेश बाबू की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन आतंकियों ने पिस्टल चेक करने के लिए हाथ में कलावा देखकर हिंदू पहचान सुनिश्चित करके रमेश रमेश बाबू को निशाना बनाया था। वारदात के बाद 7 महीने तक पुलिस हत्यारों को खोजती रही। कुछ पता नहीं चला। हत्या के 200 दिन बाद NIA ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि रमेश बाबू को मारने वाले कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि ISIS के आतंकी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल हैं।

एमपी में हुए ट्रेन ब्लास्ट के जुड़े है दोनों आतंकी

दोनों आतंकी भोपाल- उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बम ब्लास्ट मामले के भी आरोपी है और यह मामला भोपाल की कोर्ट में चल रहा है। कानपुर में हत्या की वारदात के 5 महीने बाद मध्यप्रदेश में जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में बम धमाका घटना हुए था। ट्रेन में हुए बम धमाके में दर्जनों जख्मी हुए थे। जांच के दौरान उजागर हुआ कि ये आतंकी हमला है।

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