समझना जरूरी है: नया हेल्पलाइन नंबर जारी, ये आपको बचाएगा साइबर फ्रॉड से, जानें कैसे

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समझना जरूरी है: नया हेल्पलाइन नंबर जारी, ये आपको बचाएगा साइबर फ्रॉड से, जानें कैसे

डिजिटलाइजेशन के इस दौर में बैंकिंग से जुड़े कामकाज भी ऑनलाइन ही होने लगे हैं। ऐसे में बैंक फ्रॉड (Bank Fraud complain) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। अधिकतर लोगों को इस बात की भी जानकारी नहीं होती है कि उनके साथ हुए फ्रॉड की शिकायत किसे और कहां करनी है?, लेकिन अब इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार आपके लिए एक नया हेल्पलाइन नंबर (Cyber fruad helpline number) लेकर आई है।



क्या है नया हेल्पलाइन नंबर: साइबर फ्रॉड के मामलों को रोकने के लिए सरकार द्वारा एक नया हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। यह नया हेल्पलाइन नंबर 155260 है। इस नंबर पर कॉल करके अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 



ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं: अगर आप किसी कारण से हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल नहीं कर पा रहे हैं तो आप ऑनलाइन भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत दर्ज करवाने के लिए विजिट करें https://cybercrime.gov.in वेबसाइट पर और फ्रॉड के बारे में जानकारी दें।



कैसे काम करता है हेल्पलाइन सिस्टम?: हेल्पलाइन का संचालन राज्य की पुलिस द्वारा ही किया जाता है। शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल करें और पुलिस ऑपरेटर को धोखधड़ी के बारे में जानकारी दें। ऑपरेटर जानकारी को दर्ज कर एक टिकट जारी करता है। इस टिकट को संबंधित बैंक तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद पीड़ित को एक SMS भेजा जाता है जिसमें उसकी शिकायत का रिसिप्ट नंबर होता है। 24 घंटे के भीतर धोखाधड़ी की जानकारी देना जरूरी होता है। साथ ही जानकारी के साथ रिसिप्ट नंबर भी बताना पड़ता है।



इसके बाद क्या होगा?: धोखाधड़ी की जानकारी संबंधित बैंक को फॉरवर्ड की जाती है। बैंक संबंधित ट्रांजेक्शन को रोक देगा ताकि फ्रॉड करने वाला पैसे निकाल नहीं सकता। अगर पैसा किसी दूसरे बैंक खाते में पहुंच गया हो तो अगर पैसा किसी दूसरे बैंक खाते में पहुंच गया हो तो उस बैंक को जानकारी दी जाती है। बैंक को ट्रांजेक्शन रोकने के लिए कहा जाता है। ये प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है, जब तक कि पैसा धोखेबाजों के हाथों में पहुंचने से बचाया नहीं जाता।