उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के नेतृव में कुशल संगठन मंत्री सुनील बंसल की सांगठनिक रणनीति के कारण मिली जीत के बाद ही यह तय हो गया था कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृव सुनील बंसल को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है और हुआ भी वही। अटकलों पर विराम लगाते हुए सुनील बंसल का पार्टी में कद बढ़ाया गया और पार्टी में उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री बनाकर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना का प्रभारी बनाया गया।
सुनील बंसल का विकल्प
केंद्रीय नेतृत्व में जब उत्तरप्रदेश के लिए सुनील बंसल के विकल्प की तलाश शुरू हुई तो कोई नाम फिट नहीं बैठ पा रहा था क्योंकि उत्तरप्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और यहां पर हर क्षेत्र के अपने अलग-अलग राजनीतिक मुद्दे, समीकरण होते हैं, इसलिए यहां पर चुनाव की दृष्टि से अलग-अलग रणनीति बनानी पड़ती है। इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश में ऐसा व्यक्ति चाहिए था, जो प्रदेश से बखूबी वाकिफ हो।
अंततः केंद्रीय नेतृत्व की नजर झारखंड बीजेपी के प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह पर पड़ी। उत्तरप्रदेश में उन्होंने लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के संगठन मंत्री के रूप में कार्य किया है। उत्तरप्रदेश के लगभग हर जिले को वो भली भांति जानते हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय नेतृव और आरएसएस ने धर्मपाल सिंह के उत्तरप्रदेश बीजेपी के संगठन महामंत्री के नाम पर अंततः मुहर लगा दी और कल 10 अगस्त को उनके नाम की घोषणा कर दी।
कौन हैं धर्मपाल सिंह जिन्हें मिली यूपी की कमान?
धर्मपाल सिंह मूलरूप से बिजनौर जिले के निवासी हैं। साल 1990 में वह अभाविप में पूर्णकालिक कार्यकर्ता बने। सबसे पहले उन्हें देहरादून का जिला संगठन मंत्री बनाकर भेजा गया। इसके बाद उन्हें एबीवीपी में ही मेरठ भेजा गया। मेरठ के बाद उनका केंद्र आगरा रहा। धर्मपाल सिंह अभाविप पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र (ब्रज प्रांत, मेरठ, उत्तराखंड) के क्षेत्र संगठन मंत्री रहे। इसके बाद उनको पश्चिमी उत्तर के साथ-साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का संगठन मंत्री बनाकर लखनऊ भेजा गया। इस दौरान धर्मपाल सिंह ने पूरे प्रदेश का दौरा कर अभाविप के कार्य को गति प्रदान की।
साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में संघ की योजना से बीजेपी के लिए काम किया। जुलाई 2017 में धर्मपाल सिंह को झारखंड में बीजेपी के संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई। धर्मपाल ने झारखण्ड में अपनी सांगठनिक कुशलता दिखाते हुए पहली बार नगर निगमों, जिला परिषदों में बीजेपी को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
धर्मपाल सिंह ने वर्ष 2017 के चुनाव में भी परदे की पीछे रहकर अहम भूमिका निभाई थी। इसके लिए उन्होंने अभाविप के नेतृत्व में छात्रों का एक बड़ा कार्यक्रम किया था। जब वह झारखंड के संगठन मंत्री थे, उस समय 2020 में बिहार विधान सभा चुनाव था। बिहार विधान सभा चुनाव में भी धर्मपाल सिंह ने अहम भूमिका निभाई और पार्टी को जीत दिलाई।
इस बार उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव के लिए पार्टी ने धर्मपाल सिंह को पूर्वांचल का जिम्मा सौंपा था। धर्मपाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डेरा डालकर पूर्वांचल की विधानसभा सीटों पर फोकस किया और पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
इसके पहले उत्तरप्रदेश से एबीवीपी के नागेंद्र जी भी बनाए गए संगठन महामंत्री
उत्तरप्रदेश में अभाविप से बीजेपी में संगठन मंत्री की भूमिका निभाने वालों में नागेन्द्र जी के बाद दूसरा नाम धर्मपाल सिंह का जुड़ गया है। नागेन्द्र जी भी उत्तरप्रदेश के बस्ती जिले के निवासी हैं। उन्हें जब उत्तरप्रदेश बीजेपी का संगठन महामंत्री बनाया गया, तब वह अभाविप के पूर्वी और पश्चिमी दोनों क्षेत्र के संगठन मंत्री थे। इसी तरह धर्मपाल भी दोनों क्षेत्रों के संगठन मंत्री रहे हैं। नागेन्द्र जी इस समय बिहार और झारखंड के क्षेत्रीय संगठन मंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका को निभा रहे हैं ,उनका केंद्र रांची हैं।
कार्यकर्ता प्रिय, मिलनसार व्यक्तित्व के धनी धर्मपाल
मेकैनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक 53 वर्षीय धर्मपाल सिंह बेहद मिलनसार और सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्हें संगठन के कार्यकर्ताओं की परख है। सभी कार्यकर्ताओं से वह सहजता से मिलते हैं और कार्यकर्ताओं की बात भी सुनते हैं। संगठन के छोटे से छोटे कार्यकर्ता की वह चिंता करते हैं। यही कारण है कि उत्तरप्रदेश में उनके चाहने वाले कार्यकर्ता प्रदेश के सभी स्थानों पर मिल जाएंगे। अभाविप में तो उनके साथ काम करने वाले कार्यकर्ताओं की तो एक लंबी फौज है। धर्मपाल सिंह के यूपी बीजेपी के संगठन महामंत्री नियुक्त होने के बाद से पूरे उत्तरप्रदेश में कार्यकताओं में एक नई स्फूर्ति आ गई है।
2024 के लोकसभाचुनाव में बेहद अहम रहेगी भूमिका
देखना दिलचस्प होगा कि धर्मपाल सिंह अपने सांगठनिक कौशल और रणनीतिक सूझबूझ से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी को कैसे और अधिक मजबूत करते हैं। बीजेपी के केंद्रीय नेतृव और आरएसएस ने उत्तरप्रदेश में धर्मपाल सिंह पर विश्वास जता कर 2024 की विजय का महत्वपूर्ण जिम्मा उन्हें दे दिया है।