अतुल तारे@भोपाल.
डॉ. मोहन यादव को अगर अत्यंत कम शब्दों में परिभाषित करना हो तो वह है संकल्प से सिद्धि। मध्यप्रदेश की राजनीति में खासकर भारतीय जनता पार्टी में तुलनात्मक रूप से प्रशासनिक अनुभव में थोड़े कम डॉ.यादव ने हिमालयी अपेक्षाओं के बीच जब मध्यप्रदेश की कमान संभाली, तब उनके सामने एक तरह शिवराज सिंह चौहान की 18 साल के सर्व स्पर्शी, संवेदनशील मुख्यमंत्री की एक लंबी लकीर थी, वहीं उन कार्यकर्ताओं के मन को भी उन्हें संबोधित करना था, जो कहीं न कहीं अनुकूलता के वातावरण में भी असहज अनुभव कर रहे थे। 18 साल के शासनकाल में नौकरशाही में भी एक जड़ता थी। विपक्ष की बौखलाहट थी और चंद माह बाद लोकसभा के चुनाव थे। स्वयं डॉक्टर यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच मुख्यमंत्री थे। प्रशंसा करनी होगी, शुरू के एक माह की हड़बड़ाहट को विस्मृत कर दें तो सरकार ने एक सधी हुई शुरुआत की और लगा कि डॉ.यादव 'संकल्प से सिद्धि' के मंत्र पर यकीन करते हैं।
यद्यपि मात्र लगभग छह माह की अवधि में भाजपा सरकार का और मुख्यमंत्री यादव की प्रशासनिक एवम राजनीतिक समझ का पूर्ण आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी। दिशा और गति देखकर मन में एक आश्वस्ति प्रदेश को लेकर होती है। त्वरित निर्णय और प्रशासन के लिये एक दृष्टि डॉक्टर यादव को वैशिष्टय प्रदान करती है। डॉक्टर मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं।
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डॉ. यादव के सकारात्मक प्रयासों का सुफल यह है कि उन्होंने गरीबी पर ठोस प्रहार कर गरीब परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर लाने के लिए कल्याणकारी योजनाओं को उतारकर उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास किया। खासकर सूक्ष्म स्तर पर डॉ. मोहन सरकार ने आर्थिक गतिविधियों की श्रृंखला चलाकर प्रदेश के नागरिकों की आर्थिक क्षमता बढ़ाने में यथेष्ठ प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिए सरकार ने प्रतिबद्धता जाहिर की है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास’ का नारा वंचितों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से नीतियों की आधारशिला बन गया है। ज़रूरतमंदों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायता दी जा रही है।
गरीब हितैषी पहल के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को देशभर में पहचान मिली है। उन्होंने इंदौर की हुकुमचंद मिल के 4800 श्रमिक परिवारों को 224 करोड़ की राशि का भुगतान कर उन्हें न्याय दिलवाया। तीन दशक से हुकुमचंद मिल के मजदूर न्याय की गुहार लगा रहे थे, उनकी इस गुहार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने न केवल सुना बल्कि उन्हें एक बड़ी राहत प्रदान की। इससे उनकी न्याय प्रियता का पता चलता है।
श्रमिकों के कल्याण के लिए उन्होंने अपने अथक प्रयासों का सिलसिला सतत रूप से जारी रखा। प्रदेश में स्वामित्व योजना के माध्यम से 23 लाख 50 हजार लोगों को स्वामित्व अधिकार पत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री जन कल्याण यानी संबल योजना 2.0 में 30 हजार 500 से अधिक श्रमिक परिवारों को 670 करोड़ रुपए से अधिक की अनुग्रह सहायता राशि दी गई। मजदूरों की दिव्यांगता के आधार पर मिलने वाली सहायता राशि बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दी गई। इसी के साथ ही श्रमिकों को ई-स्कूटर खरीदने के लिए 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
राज्य शासन गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है, डबल इंजन सरकार का यह संकल्प सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। शासन की जन हितैषी योजनाएं-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पीएम स्वनिधि योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबसे पहले देश में जनधन खाते खोले गए। इसका परिणाम यह हुआ कि गरीब कल्याण की योजनाओं की राशि सीधे हितग्राहियों के खातों में पहुंचने लगी। गरीबों को न केवल न्याय मिले बल्कि उन तक न्याय पहुंच सके इसका प्रबंध सरकार ने किया है।
कमजोर वर्ग का विकास पहली प्राथमिकता
तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपए प्रति बोरा से बढक़र 4 हजार रुपए किया गया है। लगभग 35 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को इसका लाभ मिला है। प्रधानमंत्री जन मन योजना अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल जिलों में 7 हजार 300 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से अधोसंरचना के कार्य हो रहे हैं जिससे 11 लाख से अधिक व्यक्ति लाभान्वित होंगे। योजना अंतर्गत मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने पांच माह में 5000 से अधिक आवास का निर्माण पूर्ण कर लिया है। शिवपुरी जिले में सर्वाधिक लगभग 1103 आवास पूर्ण किए गए हैं। ऐसी ग्राम पंचायतों जिनमें योजना के अंतर्गत हितग्राहियों की अधिक संख्या थी, उन ग्रामों में कॉलोनी बनाकर आवास बनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जन मन मिशन के तहत प्रदेश के बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों के अविद्युतीकृत घरों तक बिजली पहुंचाने की कार्य योजना स्वीकृत कर ली गई है। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत प्रदेश के 7300 से अधिक जनजातीय बहुल ग्रामों में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण और कौशल विकास के कार्य हो रहे हैं। आहार अनुदान योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों की बहनों के खातों में जनवरी से लेकर अभी तक 148 करोड रुपए से अधिक की राशि आंतरित की जा चुकी है। प्रदेश सर्व स्पर्शी विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। समाज के सभी वर्गों की विकास में समान भागीदारी के लिए गरीब और कमजोर वर्ग के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हर नागरिक की पहुंच में हैं स्वास्थ्य सुविधाएं
कहां तो मध्यप्रदेश एक समय बीमारू राज्य था और अब स्वास्थ्य सेवाओं का केन्द्र बन गया है। पिछले छह महीनों में स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभागों के एक साथ आ जाने से स्वास्थ्य सेवाएं मिलना और ज्यादा आसान हो गई हैं। इन दोनों विभागों को एक करने का ऐतिहासिक व दूरदर्शी निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए व्यापक सुधारों से अब नागरिकों के स्वास्थ्य को विकास का पैमाना बनाया गया है। ‘विकसित भारत’ के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर जो कदम उठाए हैं उनसे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना आसान हुआ है और इसके परिणाम भी मिलने लगे हैं।
केन्द्रीय योजनाओं के साथ हर परिवार को खुशहाल बनाने में आगे मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश की सुविचारित जन-हितैषी योजनाओं के साथ केन्द्रीय योजनाओं का सहयोग लेकर हर परिवार को समृद्ध बनाने की एक सशक्त शुरुआत के परिणाम बीते छह महीनों में रेखांकित हुए हैं। मध्यप्रदेश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। केन्द्र और राज्य की योजनाओं में परस्पर समन्वय बैठाने और लगातार समीक्षाओं के कारण अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने का श्रेय मुख्यमंत्री डा मोहन यादव को जाता है। भारत सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से लगातार आगे चल रहा है। विभिन्न योजनाओं में निर्धारित लक्ष्यों को मध्यप्रदेश ने शत-प्रतिशत पूरा किया है। साथ ही कुछ योजनाओं में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि अर्जित की है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल मार्गदर्शन और प्रभावी नेतृत्व में प्राप्त हुई है। इन सभी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से हितग्राहियों का जीवन स्तर सुधारने के प्रयास लगातार जारी हैं। मध्य प्रदेश नए लक्ष्यों और नई कार्ययोजनाओं के साथ आगे बढऩे को तैयार है।
(लेखक स्वदेश के समूह संपादक हैं। इस लेख में उनके निजी विचार हैं।)
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