अखबार की आड़ में धंधेबाजी क्यों: मीडिया अब कोई पवित्र गाय नहीं, जिसे 'रक्षाकवच' हासिल है!

author-image
एडिट
New Update

 अखबार की आड़ में धंधेबाजी क्यों: मीडिया अब कोई पवित्र गाय नहीं, जिसे 'रक्षाकवच' हासिल है!

(एलएन शीतल ) देश के सबसे बड़े मीडिया हाउस - 'भास्कर समूह' पर IT और ED की छापेमारी को मीडिया पर हमला बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सरकार ने भास्कर ग्रुप के सत्ताविरोधी तेवरों से चिढ़कर उसे सबक सिखाने और अन्य अख़बारों/चैनलों को डराने के लिए यह कार्रवाई की है।ऐसा कहने वालों को मालूम होना चाहिए कि कोई भी अख़बार या न्यूज़ चैनल ऐसी कोई 'पवित्र गइया' बिल्कुल नहीं, जिसे रक्षा-कवच प्राप्त है।

अखबार,चैनल की आड़ में तमाम धंधेबाजी !

कौन नहीं जानता कि विभिन्न अख़बार और चैनल बैनर की आड़ में तमाम तरह के धंधे करते हैं और अपने उन धंधों से जुड़ी अवैध गतिविधियों की अनदेखी करने के लिए सरकारों पर अड़ी-तड़ी डालने में कोई कसर बाकी नहीं रखते। भास्कर सिरमौर है इनमें। अख़बार के नाम पर सरकारों औने-पौने दामों में ज़मीनें हथियाना और फिर फिर उन ज़मीनों का मनमाना इस्तेमाल करना विशेषाधिकार है इनका। बिल्डरों के साथ मिलकर फ्लैट-डुप्लेक्स बनवाने-बिकवाने और व्यापारियों से मिलकर उनके उत्पादों को बढ़ाने के लिए अपने पाठकों को उकसाने का धत्कर्म करने में सबसे तेज गति वाला है समूह!

अब मीडिया भी इंडस्ट्री तो उस पर छापे क्यों नहीं पड़ सकते

मीडिया भी एक इंडस्ट्री है. तो फिर किसी अन्य इंडस्ट्री की तरह उस पर भी छापे क्यों नहीं पड़ सकते? लेकिन छापे पड़ते ही कुछ लोग चीखना शुरू कर देते हैं कि बदले की कार्रवाई हो रही है। कोई मीडिया हाउस, जो '92 में 100 करोड़ का भी नहीं था, वह '21आते-आते हज़ारों करोड़ का कैसे हो गया, यह किसी से छिपा नहीं है। इसे समझने के लिए ज़्यादा ज्ञान की ज़रूरत नहीं है।

यदि टैक्स चोरी नहीं की तो फिर किस बात का डर ?

भास्कर सबसे ताक़तवर, सबसे बड़ा, सबसे निर्भीक और तेज रफ्तार वाला मीडिया समूह है! उसकी आवाज में दम है, उसकी पहुँच बहुत दूर तलक है, उससे सरकारें थर्राती हैं!! तो फिर डर किस बात का? अगर उसने कर-चोरी नहीं की है तो वह विपक्ष के दम (?) पर संसद को हिला सकता है, महंगे से महंगे वकीलों की फ़ौज के बूते सुप्रीमकोर्ट में दमदारी से अपनी बात रख सकता है, अपने विशालतम पाठक-परिवार की ताक़त पर चुनाव नतीजों को मनमाफ़िक कर सकता है! जब वह आकाश-पाताल एक कर सकता है तो IT/ED की क्या औकात..!! (लेखक दैनिक भास्कर के पूर्व संपादक हैं।)

It raid the sootr media dainik bhaskar