भगवान भरोसे चल रही मध्यप्रदेश की स्कूली शिक्षा को अफसर पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। जिसे जब मौका मिलता है वो व्यवस्था को मनमाने तरीके से उलझाने में लग जाता है। नया मामला कृषि संकाय यानी एग्रीकल्चर फील्ड में शिक्षक भर्ती से जुड़ा है। इस वर्ग में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है लेकिन दो विभागों में एक समान पदों पर भर्ती के अलग अलग मापदंडों ने मामला उलझा दिया है। नियुक्ति में डीपीआई के मनमाने नियमों को लेकर अभ्यर्थी परेशान हैं। वे अफसरों से बात करने के लिए डीपीआई मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनकी बात सुनने और उन्हें समझाने के लिए डीपीआई के अफसरों के पास वक्त की बेहद कमी है।
क्या है मामला ?
दरअसल हम बात कर रहे हैं उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 की। डीपीआई ने इस मामले में ऐसा गणित लगाया कि अच्छों अच्छों का सिर चकरा जाए। 2021 में इसी डीपीआई ने जिस डिग्री को एग्रीकल्चर का टीचर बनने के लिए माकूल पाया था।2024 आते आते वही डिग्री बेकार हो गई। लेकिन दूसरी तरफ उसी से जुड़ा जनजातीय कार्य विभाग उसी पुरानी डिग्री को वैलिड मानकर नियुक्ति दे रहा है।
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