इस प्रोजेक्ट की डूबने की सबसे बडी वजह थी दास और बढेरा की अय्याशी और रईसी अंदाज। दोनों तीन कार के लशकारे के साथ चलते थे। एक में दास, बढेरा तो एक में गनमैन और एक गाड़ी में पेंट्री रहती थी जिसमें खाने-पीने का सामान हमेशा रहता था।
JSM DEVCONS INDIA PVT LTD (जेएसएम डेवकॉन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ये कंपनी इंदौर ( Indore ) में भारी भरकम प्रोजेक्ट लेकर आई....एक ऐसा प्रोजेक्ट जिसमें इंदौर के कई उद्योगपतियों से लेकर बड़े बड़े लोगों का पैसा लगा...लेकिन अब यही प्रोजेक्ट कई लोगों की मुसीबत बन चुका है। द सूत्र आपको आज इस प्रोजेक्ट को लेकर ऐसे खुलासे करने जा रहा है जिसे देखकर आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि 3 हजार करोड़ का टाउनशिप घोटाला प्रदेश की धरती पर हो गया..और नुकसान हुआ सिर्फ उन किसानों का जिनसे जमीन लेकर इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया गया था। अब चलिए आपको बताते हैं कि आखिर कंपनी कौन कौन से प्रोजेक्ट लेकर आई थी और अब इस केस में नया क्या हुआ है...सबसे पहले बात करते हैं पिनेकल ड्रीम्स की....
पिनेकल ड्रीम्स 4.6 हेक्टेयर जमीन पर आया प्रोजेक्ट था जो साल 2009 से 2011 के दौरान इंदौर में JSM DEVCONS INDIA PVT LTD के आशीष दास ( ashish das ) और पुष्पेंद्र बढेरा ( Pushpendra badhera ) ने अशोका हाई कंपनी के दीपक कालरा और नितेश वाधवानी के साथ मिलकर लांच किया था। इस प्रोजेक्ट में जमीन अशोका ग्रुप की थी और डेवलपमेंट करने का जिम्मा जेएसएम का। इसमें 6 टावर में 600 से ज्यादा फ्लैट बने, बाकी पांच और टॉवर नहीं बने। साल 2016 में प्रोजेक्ट बंद हो गया। तभी से इसके फ्लैट धारक परेशान हो रहे हैं। इसी मामले में अब कंपनी ट्रिब्यूनल ने फैसला दिया है। अब इस प्रोजेक्ट से जेएसएम और अशोका दोनों को बाहर कर दिया गया है और मुंबई की कंपनी देवव्रत को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने ये प्रोजेक्ट दे दिया है। प्रोजेक्ट की कीमत 800 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
दूसरे नंबर पर है....पिनेकल ग्रांड- यह निपानिया का प्रोजेक्ट था जो करीब नौ हेक्टयर में हैं। इसमें जेएसएम ग्रुप ने संजय अग्रवाल और दूसरों के साथ जमीन का सौदा किया। इसमें इंदौर और मप्र के कई अधिकारियों, हाईप्रोफाइल लोगों ने प्लॉट लिए थे। इनकम टैक्स के छापे में भी इसकी रिपोर्ट है। इसमें बुकिंग 940 रुपए प्रति वर्गफीट दिखाई गई लेकिन आयकर विभाग के हिसाब से 2200 रुपए में प्लाट बेचे गए। जमीन खरीदी ही 19 करोड़ की बताई गई लेकिन आयकर विभाग के हिसाब से 80 करोड़ का लेन-देन हुआ। दास-बढेरा का यह प्रोजेक्ट भी अटक गया। --- प्रोजेक्ट की आज की कीमत 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा है। और आखिरी प्रोजेक्ट था
पिनेकल डिजायर- यह प्रोजेक्ट सुपर कॉरिडोर पालाखेडी में हैं। यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है यानी 20 हेक्टेयर जमीन पर फैला हुआ। ये जमीन भी जेएसएम ग्रुप ने आसपास के किसानों से खरीदी और प्लॉट की रजिस्ट्री भी करवा ली। लेकिन यह प्रोजेक्ट भी दास और बढेरा की हालत खराब होने के बाद दूसरे प्रोजेक्ट की तरह ठंडे बस्ते में चला गया। इसमें भी शहर के कई जाने-माने लोगों ने लंबा निवेश किया... यहां भी असल सौदे और बिक्री सौदे के दाम में भारी अंतर था। यानी बड़े लोगों का जमकर ब्लैक मनी लगा।
और अब जाते जाते ये भी जान लीजिए की आखिर ये प्रोजेक्ट डूबे तो डूबे क्यों....
इस प्रोजेक्ट की डूबने की सबसे बडी वजह थी दास और बढेरा की अय्याशी और रईसी अंदाज। दोनों तीन कार के लशकारे के साथ चलते थे। एक में दास, बढेरा तो एक में गनमैन और एक गाड़ी में पेंट्री रहती थी जिसमें खाने-पीने का सामान हमेशा रहता था। वहीं दूसरी सबसे बड़ी वजह है एक साथ इतने बड़े तीन प्रोजेक्ट्स को लाना... जिसकी वजह से बड़ी रकम इन प्रोजेक्ट्स में फंस गई और सौदे पूरे नहीं होने से विवाद खड़ा हुआ। जब प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ तो निवेशकों ने अपना पैसा वापस मांगा...जिसके बाद दास और बढेरा को इंदौर से ही भागना पड़ा। बाद में गिरफ्तारी भी हुई ...लेकिन बाहर आकर अब दोनों गायब हैं....अब एक मामले पर तो ट्रिब्यूनल का फैसला आ गया है लेकिन बाकी प्रोजेक्ट का क्या होगा....ये फिलहाल कोई नहीं जानता...और द सूत्र आपको अगली कड़ी में दिखाएगा कि आखिर इस प्रोजेक्ट में कौन कौन से बॉलीवुड स्टार का पैसा लगा और कितना।