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भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर में महिलाओं के श्रृंगार का विशेष स्थान है। "16 सिंगार" एक पुरानी परंपरा है, जो विशेष रूप से भारतीय महिलाओं द्वारा अपनाई जाती है।
इसे भारतीय संस्कृति में सौंदर्य और फेमिनिज्म का प्रतीक माना जाता है। 16 सिंगार का मतलब है उन 16 सौंदर्य उपायों का पालन करना जो महिलाओं के रूप और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए किए जाते हैं।
16 सिंगार की परंपरा के प्रमुख अंग 👑
16 सिंगार के अंतर्गत 16 महत्वपूर्ण श्रृंगारी उपाय आते हैं। इनमें से कुछ मुख्य हैं:
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मेहंदी (Henna) 🌿: यह न सिर्फ महिलाओं के हाथों की सुंदरता को बढ़ाती है, बल्कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।
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बिंदी (Bindi) 🔴: माथे पर लगाया जाने वाला बिंदी महिला के सौंदर्य का प्रतीक है और इसे शुभ भी माना जाता है।
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चूड़ियांं (Chudiyaan) 💍: हाथों में चूड़ियां पहनने से एक महिला की सुंदरता और आभूषणों की महत्ता बढ़ती है।
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काजल (Kajal) 👁️: आंखों को आकर्षक बनाने के लिए काजल का प्रयोग किया जाता है, जो न सिर्फ सौंदर्य बढ़ाता है बल्कि आंखों की सुरक्षा भी करता है।
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झुमके (Jhumke) 💎: कानों में झुमके पहनना एक पारंपरिक श्रृंगार का हिस्सा है और यह स्त्री के रूप को आकर्षक बनाता है।
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पेटीकोट और साड़ी (Petticoat and Saree) 👗: पारंपरिक भारतीय परिधानों में पेटीकोट और साड़ी को सही तरीके से पहनना महिला की सुंदरता को बढ़ाता है।
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गहनों का महत्व (Jewelry) 💎: कान, गहने, हार और नथ कई प्रकार के आभूषण जो भारतीय महिलाओं के श्रृंगार का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।
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बालों की सजावट (Hair Styling) 💇♀️: बालों की विभिन्न प्रकार से सजावट, जैसे गुंथा हुआ बाल, फूलों का प्रयोग और चोटी बनाना, यह सब महिला के सौंदर्य में चार चांद लगाता है।
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सिंदूर (Sindoor) ❤️: यह विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा माथे पर लगाया जाता है, जो उनके वैवाहिक जीवन का प्रतीक होता है।
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दुपट्टा (Dupatta) : दुपट्टा पहनने से पारंपरिक भारतीय रूप में एक नयापन आता है और यह एक महत्वपूर्ण श्रृंगार का हिस्सा है।
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पैरों में पायल (Payal) : पायल पहनने से महिलाओं के पैरों की सुंदरता में निखार आता है और यह पारंपरिक श्रृंगार का अहम हिस्सा है।
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नथ (Nath) : नथ को विशेष रूप से शादी के दौरान पहना जाता है और यह महिला के चेहरे की सुंदरता को बढ़ाता है।
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चमचमाती त्वचा (Glowing Skin) : चेहरे की त्वचा को निखारने के लिए विभिन्न आयुर्वेदिक उपचार और सौंदर्य उत्पादों का इस्तेमाल करना भी 16 सिंगार का हिस्सा है।
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संगीत का उपयोग (Use of Music) 🎶: सिंगार करते समय संगीत का उपयोग मानसिक शांति और सौंदर्य में वृद्धि के लिए किया जाता है।
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फूलों की माला (Flower Garland) : सिर और गहनों में फूलों की माला पहनना एक सुंदर और पारंपरिक सजावट है।
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मंगलसूत्र (Mangalsutra) 💍: यह शादी के बाद महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला एक प्रमुख आभूषण होता है, जो विवाह की स्थिरता और प्रेम का प्रतीक है।
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🌸16 सिंगार का महत्व
16 सिंगार भारतीय संस्कृति में न केवल सौंदर्य और आकर्षण का प्रतीक है, बल्कि यह एक महिला की सामाजिक स्थिति और परिवारिक मूल्य को भी दर्शाता है।
यह परंपरा विशेष रूप से भारत में विवाह और अन्य प्रमुख धार्मिक अवसरों पर देखी जाती है। महिलाओं के लिए यह अपने परिवार और समाज में एक आदर्श और सम्मान का प्रतीक होता है।
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समाज में बदलते दृष्टिकोण 🧑🤝🧑
हालांकि 16 सिंगार की परंपरा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, आजकल के आधुनिक समाज में इसके कुछ पहलू बदलते हुए देखे जा रहे हैं।
महिलाएं अब अधिक स्वतंत्र रूप से अपनी पसंद और विचारों के आधार पर सिंगार करती हैं, लेकिन फिर भी यह परंपरा समाज में एक खास स्थान रखती है।
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